आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR-1 और ITR-4 नोटिफाई
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR फॉर्म 1 (सहज) और ITR फॉर्म 4 (सुगम) को अधिसूचित कर दिया है. इन बदलावों के जरिए सरकार ने छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करना और सरल बना दिया है. अब इन फॉर्मों के जरिए ज्यादा करदाता कम जटिलता के साथ टैक्स रिटर्न भर सकेंगे.
1.25 लाख रुपये तक के एलटीसीजी वालों को राहत
सबसे बड़ी राहत उन करदाताओं के लिए है जिन्हें सूचीबद्ध शेयरों या म्यूचुअल फंड से 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) होता है. पहले इन्हें ITR-2 दाखिल करना पड़ता था, लेकिन अब वे ITR-1 या ITR-4 का उपयोग कर सकते हैं. इससे रिटर्न भरने की प्रक्रिया पहले की तुलना में काफी सरल हो गई है.
कटौती के विवरण में किया गया संशोधन
ITR फॉर्म में 80C, 80GG और अन्य कटौतियों को लेकर जानकारी देने के तरीके में भी बदलाव किए गए हैं. अब करदाताओं को स्पष्ट रूप से कटौती का विवरण देना होगा, जिससे जांच प्रक्रिया और पारदर्शी हो सके. यह कदम टैक्स चोरी को रोकने और प्रक्रिया को अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में है.
टीडीएस का विस्तृत ब्यौरा अनिवार्य
फॉर्म में एक और प्रमुख बदलाव यह है कि अब करदाताओं को स्रोत पर कर कटौती (TDS) से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होगी. इससे विभाग के लिए रिफंड प्रोसेसिंग तेज और सटीक होगी, साथ ही रिटर्न प्रोसेसिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी.
ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई
जिन व्यक्तियों और इकाइयों को अपने खातों का ऑडिट नहीं करवाना होता, उनके लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तय की गई है. जैसे ही आयकर विभाग ITR भरने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराएगा, करदाता वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न भर सकेंगे.
सहज और सुगम: छोटे करदाताओं के लिए उपयुक्त विकल्प
ITR-1 ‘सहज’ ऐसे वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी आय केवल वेतन, एक मकान, ब्याज और 5,000 रुपये तक की कृषि आय से होती है. वहीं ITR-4 ‘सुगम’ उन करदाताओं के लिए है जो अनुमानित कराधान के तहत व्यवसाय या पेशे से जुड़े हों और जिनकी आय 50 लाख रुपये से अधिक न हो.
