Vastu Shastra: उचित रंगों के इस्तेमाल से सही करें अपने घर का वास्तु, जानें कौन से रंग लाएंगे पॉजीटिविटी

वास्तु शास्त्र में रंगों का विशेष स्थान होता है। यह केवल दीवारों की शोभा बढ़ाने तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। रंग ग्रहों से संचालित होते हैं और हर रंग किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, लाल रंग सूर्य को दर्शाता है जो ऊर्जा, शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है, वहीं काला रंग शनि और राहु से जुड़ा होता है जो कठोरता, नीरसता और नकारात्मकता को दर्शाता है।

रंगों का प्रभाव और उनका चयन

हमारे घर की सुख-शांति, उन्नति और रिश्तों की मिठास में रंगों की अहम भूमिका होती है। गलत रंग जहां वास्तुदोष को बढ़ा सकते हैं, वहीं सही रंग घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। जानिए, किस कमरे में कौन सा रंग आपके लिए शुभ रहेगा।

ड्राइंग रूम / लिविंग रूम

यह घर का वह हिस्सा होता है जहां मेहमानों का स्वागत होता है और परिवार के सदस्य अधिक समय बिताते हैं। यहां लाइट कलर जैसे ऑफ व्हाइट, व्हाइट या पिंक का इस्तेमाल करना वास्तु के अनुसार श्रेष्ठ होता है। ये रंग शांति और सौहार्द्र बनाए रखते हैं।

बेडरूम

विवाहित जोड़ों के लिए पिंक रंग का प्रयोग दाम्पत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बनाए रखने के लिए किया जाता है। यदि कमरे का उपयोग किसी विवाह योग्य युवक द्वारा किया जा रहा हो तो ऑफ व्हाइट रंग उपयुक्त है। वहीं विवाह योग्य कन्या के कमरे में पिंक या गोल्डन येलो रंग शुभ माना जाता है।

बच्चों का कमरा

पढ़ाई और एकाग्रता के लिए ग्रीन, येलो और ऑरेंज रंग बेहतर होते हैं। अगर बच्चा सुस्त रहता है तो लाल या ऑरेंज रंग से उसकी सक्रियता बढ़ाई जा सकती है। कमरे की बेडशीट और पर्दे हल्के रंगों के रखने चाहिए, जैसे कि ऑफ व्हाइट, और पर्दों पर ऊपर की ओर जाते हुए प्रिंट हों, नीचे गिरते हुए नहीं।

बुजुर्गों का कमरा

अगर मुखिया की उम्र 30 से 45 के बीच है तो लाइट ऑरेंज, पिंक, लाइट पीच या रेड रंग उपयुक्त होते हैं। वहीं 45 से 60 वर्ष के बुजुर्गों के लिए पीला या सफेद रंग आदर्श होता है क्योंकि ये रंग शांति और स्थिरता प्रदान करते हैं।

रसोईघर (किचन)

अगर किचन दक्षिण दिशा में स्थित है तो लाल या ऑरेंज रंग का उपयोग करना चाहिए। ये रंग अग्नि तत्व से जुड़े हैं और ऊर्जा को संतुलित करते हैं।

छत का रंग

घर की छतों पर हल्के रंग जैसे ऑफ व्हाइट या व्हाइट का उपयोग करें। इससे गर्मी का प्रभाव कम होता है और मानसिक शांति बनी रहती है।

इन रंगों से करें परहेज

वास्तु शास्त्र के अनुसार ब्लैक, ब्लू, वॉलेट, पर्पल जैसे रंगों से घर में नकारात्मकता फैलती है। इन रंगों का संबंध शनि और राहु से होता है, जिससे आलस, चिड़चिड़ापन, स्वार्थ की भावना और रोग बढ़ सकते हैं। अतः इन रंगों से घर में दूरी बनाए रखना ही बेहतर होता है।

रंग केवल दृश्य सौंदर्य नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। अगर आप अपने घर के वातावरण को शांतिपूर्ण, सकारात्मक और उन्नत बनाना चाहते हैं तो वास्तु शास्त्र के अनुसार रंगों का चयन अवश्य करें। सही रंगों का चुनाव आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

Leave a Comment