जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी वीजाधारी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया है. इस सरकारी फरमान का असर अब दिखने लगा है, और कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां लोग अप्रत्याशित मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरधना थाना क्षेत्र के मोहल्ला घोसियान की रहने वाली सना के साथ पेश आया है.
भारतीय पासपोर्ट और पाकिस्तानी बच्चे
भारतीय पासपोर्ट धारक सना अपने दो छोटे बच्चों के साथ पाकिस्तान लौटने के लिए वाघा बॉर्डर पहुंची थीं. हालांकि, भारतीय नागरिक होने के कारण उन्हें सीमा पर रोक दिया गया. वहीं, उनके दोनों बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट होने के कारण उन्हें वापस पाकिस्तान जाने की अनुमति तो मिल गई, लेकिन उनकी कम उम्र (तीन वर्षीय मुस्तफा और लगभग एक वर्षीय महानूर) के चलते उन्हें अकेले भेजना किसी भी तरह से संभव नहीं था. इस अजीबोगरीब स्थिति के चलते सना को अपने बच्चों के साथ निराश होकर वापस सरधना लौटना पड़ा है.
कराची में ब्याही, मायके आई और अब वापसी की राह मुश्किल
सना का विवाह वर्ष 2020 में पाकिस्तान के कराची निवासी अपने मामा के बेटे के साथ हुआ था. सना के पिता शेरुद्दीन मोहल्ला घोसियान में दूध की डेरी चलाते हैं. शादी के बाद सना पाकिस्तान में ही रह रही थीं और वहीं उनके दो बच्चे हुए. वह दूसरी बार 14 अप्रैल को अपने 45 दिन के वीजा पर अपने दोनों बच्चों के साथ अपने मायके आई थीं और बीते 11 दिनों से यहीं रह रही थीं. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार के त्वरित फैसले ने उनकी वापसी की योजनाओं पर पानी फेर दिया.
नागरिकता का नियम बना बाधा
सीमा पर जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सना भारतीय नागरिक हैं, जबकि उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है. नियमों के अनुसार, एक भारतीय नागरिक को शादी के नौ साल पूरे होने से पहले पाकिस्तान की नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं है. यही कारण है कि सना अभी भी भारतीय नागरिक हैं और उन्हें सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गई.
दूसरी ओर, उनके पाकिस्तानी पासपोर्टधारी बच्चों को जाने दिया जा सकता था, लेकिन उनकी मासूम उम्र को देखते हुए उन्हें अपनी मां के बिना अकेले भेजना उचित नहीं समझा गया. फिलहाल सना के पास अभी भी 35 दिन का वीजा शेष है, और वह बेसब्री से अपने पति के पास वापस लौटने की इच्छा रखती हैं. हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों के कारण वह अपने बच्चों के साथ मजबूरी में अपने मायके सरधना में ही रहने को विवश हैं. अब सना और उनके परिवार को सरकार से विशेष अनुमति मिलने की उम्मीद है, ताकि वह अपने पति के पास सुरक्षित रूप से पाकिस्तान लौट सकें और अपने बच्चों के साथ एक संयुक्त परिवार के रूप में रह सकें.
