Life: पचास के पार भी प्यार बरक़रार: सीनियर्स के लिए डेटिंग का नया दौर

अब सिर्फ यंगस्टर्स के लिए नहीं रह गई डेटिंग

जब भी हम डेटिंग ऐप्स की बात करते हैं, तो दिमाग में सबसे पहले कॉलेज स्टूडेंट्स, यंग कपल्स या फिर 20 से 30 की उम्र वाले लोग आते हैं. लेकिन अब वक्त बदल चुका है. आजकल डेटिंग ऐप्स केवल युवाओं के लिए नहीं रह गए हैं, बल्कि बड़ी उम्र के लोगों के लिए भी यह एक बेहतर विकल्प बनते जा रहे हैं. उम्र चाहे कोई भी हो, प्यार और साथ की चाहत हर किसी को होती है.

अकेलेपन से लड़ने का नया तरीका

भारत में लाखों बुजुर्ग ऐसे हैं जो अकेलेपन का सामना कर रहे हैं. पार्टनर की मृत्यु, बच्चों का बाहर सेटल हो जाना या रिटायरमेंट के बाद की खाली जिंदगी – ये सब कारण हैं जो एक इंसान को अकेला कर देते हैं. ऐसे में किसी दोस्त या जीवनसाथी की जरूरत और भी ज्यादा महसूस होती है. यहां पर सीनियर सिटीजन्स के लिए बने डेटिंग ऐप्स मददगार साबित हो रहे हैं.

बड़ी उम्र में रिश्तों की नई शुरुआत

अब 50 की उम्र पार कर चुके लोग भी खुलकर डेटिंग ऐप्स पर प्रोफाइल बना रहे हैं और नए रिश्ते की शुरुआत कर रहे हैं. ये ऐप्स उन्हें बिना किसी झिझक के हमउम्र और विचारों से मेल खाते लोगों से जोड़ने में मदद करते हैं. यहां बातचीत से लेकर रिश्तों तक का सफर बहुत सहज और सुरक्षित माहौल में तय किया जा सकता है.

सीनियर सिटीजन्स के लिए बने ये खास ऐप्स

आज के समय में कुछ खास ऐप्स ऐसे हैं जो खासतौर पर 40+, 50+ और उससे ऊपर की उम्र के लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं. भारत में OurTime, SilverSingles, Lumen, और OkCupid जैसे ऐप्स इस उम्र वर्ग को टारगेट कर रहे हैं. इनमें प्रोफाइल बनाने से लेकर बातचीत तक का तरीका काफी सरल और यूजर-फ्रेंडली होता है.

मोबाइल से ही जुड़ सकते हैं दिल

इन ऐप्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब किसी साथी की तलाश में इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है. बस अपने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड कीजिए, प्रोफाइल बनाइए और फिर बात कीजिए उन लोगों से जो आपकी सोच और अनुभवों से मेल खाते हों. इस तरह अकेलेपन से बाहर निकलने का एक बेहतरीन तरीका सामने आया है.

उम्र नहीं, सिर्फ जुड़ाव मायने रखता है

समाज में अब धीरे-धीरे यह समझ बढ़ रही है कि प्यार और साथ की चाहत किसी एक उम्र तक सीमित नहीं होती. 50 की उम्र में भी कोई नई शुरुआत कर सकता है, और ये ऐप्स उन्हें वो मौका दे रहे हैं – एक बार फिर खुलकर जीने, दोस्ती करने और चाहें तो प्यार में पड़ने का.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra

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