उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में बहुचर्चित सास-दामाद मामले में पुलिस ने सास और दामाद को छोड़ दिया है. दो दिन तक दोनों की काउंसलिंग की गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें एक साथ रहने की अनुमति दे दी. इस दौरान दोनों का कहना था कि वे एक साथ रहेंगे और सास अपने पति के पास वापस नहीं जाना चाहतीं. इस निर्णय ने मामले को और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह कानूनी रूप से सही है?
राहुल और अपना देवी के बयान
मीडिया से बात करते हुए राहुल और अपना देवी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. जब राहुल से पूछा गया कि वह सास और पत्नी को साथ कैसे रखेंगे और क्या उनके पास कोर्ट मैरिज का प्रमाण है, तो राहुल कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने शुरुआत में कहा कि दोनों ने पहले ही शादी कर ली है, फिर यह भी बताया कि कोर्ट मैरिज की है. हालांकि, जब पूछा गया कि बिना तलाक के कोर्ट से शादी की अनुमति कैसे मिली, तो राहुल ने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. दूसरी ओर, अपना देवी इस सवाल पर भड़क गईं और उन्होंने कहा कि वह कोई जवाब नहीं देना चाहतीं और मीडिया से दूर चली गईं.
अपना देवी के आरोप और उनके कारण
अपना देवी ने पहले ही स्पष्ट किया था कि वह राहुल को ही अपना पति मानती हैं और अपने असल पति जितेंद्र के पास वापस नहीं जाना चाहतीं. उनका आरोप था कि जितेंद्र उनके साथ मारपीट करता था और घर के खर्च के नाम पर उन्हें केवल 1500 रुपये देता था, जिसका पूरा हिसाब रखता था. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जितेंद्र ने उन पर चोरी का झूठा आरोप लगाया था, जब वह घर से केवल 200 रुपये लेकर भाग गई थीं. अपना देवी का कहना था कि वह घर में कोई गहने या नकदी लेकर नहीं गई थीं.
जितेंद्र का बचाव और पत्नी पर आरोप
जितेंद्र ने अपनी पत्नी के आरोपों का जवाब दिया और कहा कि सभी आरोप निराधार हैं. उनका कहना था कि वह अपनी पत्नी को घर खर्च देते थे और कभी उसका हिसाब नहीं रखते थे. जितेंद्र ने यह भी बताया कि उनका बेंगलुरु में खुद का बिजनेस है और वह दूध बेचने का काम भी करते हैं, जिससे बेरोजगारी का सवाल ही नहीं उठता. इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी पत्नी और बेटी ने मिलकर राहुल के साथ उनका नाम जोड़ने की कोशिश की थी और उनका परिवार टूटने की कगार पर था. जितेंद्र ने कहा कि वह अपनी पत्नी को तलाक नहीं देंगे, क्योंकि उनके बच्चों को मां की जरूरत है और वह अकेले उन्हें संभालने में असमर्थ हैं.
काउंसलिंग के बाद का फैसला और कानूनी स्थिति
सीओ इगलास थाना महेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत दोनों से पूछताछ की और काउंसलिंग भी करवाई. दोनों का कहना था कि वे एक साथ रहना चाहते हैं, इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया है. अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह कदम सही है, क्योंकि मामले में कई कानूनी और पारिवारिक मुद्दे जुड़े हुए हैं.
