भारत में मसालों का इतिहास हजारों साल पुराना है। यहां हर रसोई में मसालों की खुशबू और स्वाद खाना खास बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर हर चीज को पहले की तरह नहीं पचा पाता? खासकर 30 की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव आने लगते हैं, जिसमें पाचन तंत्र का कमजोर होना, मेटाबॉलिज्म का धीमा पड़ना और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं। ऐसे में कुछ मसालों का अधिक सेवन आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ मसाले ऐसे हैं जिनका नियमित या अधिक मात्रा में सेवन करना 30 साल के बाद परेशानी का कारण बन सकता है।
1. लाल मिर्च – स्वाद के पीछे छुपा खतरा
भारतीय खाने में तीखापन एक आम बात है और लाल मिर्च इसका अहम हिस्सा है। लेकिन 30 की उम्र के बाद इसका ज्यादा सेवन पाचन संबंधी समस्याएं खड़ी कर सकता है। लाल मिर्च से एसिडिटी, हार्टबर्न और अल्सर जैसी परेशानियां हो सकती हैं। बढ़ती उम्र में जब मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, तब शरीर को तीखे खाने को पचाने में मुश्किल होती है। इसलिए जितना हो सके, लाल मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में करें।
2. हींग – हर किसी के लिए नहीं फायदेमंद
हींग को आयुर्वेद में पाचन सुधारने वाला मसाला माना जाता है। इसका उपयोग दाल और सब्जियों में बड़े चाव से किया जाता है। हालांकि, कुछ लोगों को हींग से पेट फूलने, गैस और जलन की समस्या हो सकती है। खासकर जो लोग इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से जूझ रहे हैं, उन्हें इसका सेवन सीमित कर देना चाहिए, वरना पेट की समस्या और बढ़ सकती है।
3. काली मिर्च – सीमित मात्रा में ही फायदेमंद
काली मिर्च को ‘किंग ऑफ स्पाइसेस’ कहा जाता है। इसमें मौजूद पाइपरिन नामक तत्व कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट की परत में जलन, एसिड रिफ्लक्स और गैस की समस्या हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ इन समस्याओं का खतरा भी बढ़ता है, इसलिए काली मिर्च का उपयोग सोच-समझकर करें।
4. गरम मसाला – हर दिन नहीं है ज़रूरी
गरम मसाला भारतीय रसोई का एक खास हिस्सा है, जो खाने को तीखा, खुशबूदार और स्वादिष्ट बनाता है। इसमें लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, जायफल जैसे कई तीखे मसाले होते हैं जो शरीर में गर्मी पैदा करते हैं। 30 की उम्र के बाद इसका ज्यादा सेवन पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकता है। इससे एसिडिटी, डायरिया या पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि उम्र बढ़ने के साथ हमारी डाइट में कुछ बदलाव जरूरी हो जाते हैं। मसालों का सेवन पूरी तरह बंद करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन संतुलित मात्रा में और अपने शरीर की ज़रूरत के अनुसार करना चाहिए। यदि किसी मसाले से दिक्कत महसूस हो रही है तो उसे तुरंत बंद कर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मसाले खाने का स्वाद तो बढ़ाते हैं, लेकिन बढ़ती उम्र में यह जरूरी है कि हम अपने शरीर की ज़रूरतों को समझें। 30 की उम्र के बाद अगर आप कुछ मसालों का सेवन सीमित कर दें तो पाचन और हार्मोनल हेल्थ को बेहतर बनाए रखा जा सकता है। सेहतमंद जीवन के लिए ज़रूरी है कि हम परंपरा और विज्ञान के बीच सही संतुलन बनाकर चलें।
