Entertainment: ‘जाट’ से लौटे सनी देओल, लेकिन कभी एक फिल्म ने तोड़ दिए थे हौसले

सनी देओल—हिंदी सिनेमा की रौबदार आवाज और दमदार कद-काठी का पर्याय. एक समय में जिनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तूफान लाती थीं, वो अभिनेता अब ‘गदर 2’ की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद ‘जाट’ के साथ दोबारा सिनेमाघरों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दर्शकों और क्रिटिक्स की नजरें इस फिल्म पर टिकी हैं, लेकिन इसी बहाने सनी देओल के 42 साल के करियर की उस फिल्म को याद किया जा रहा है जो उनकी सबसे बड़ी फ्लॉप्स में से एक रही.

जब ‘कसम’ ने दिया तगड़ा झटका

साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म ‘कसम’ सनी देओल के लिए एक ऐसा नाम बन गई थी, जिसे वो शायद ही याद करना चाहें. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इस कदर पिटी कि दर्शकों को इसके आने का पता भी नहीं चला. और तो और, उस साल ही सनी की ‘गदर’ ने इतिहास रच दिया था, जिससे दोनों फिल्मों की तुलना भी अपने आप में चौंकाने वाली बन जाती है.

मजबूत स्टारकास्ट, फिर भी नाकामी

‘कसम’ का निर्देशन शोबू मित्रा ने किया था, और इसमें सनी देओल के साथ चंकी पांडे, नसीरुद्दीन शाह, नीलम कोठारी, सोनू वालिया और विलेन रंजीत जैसे कलाकार शामिल थे. इसके बावजूद फिल्म दर्शकों को थिएटर तक खींचने में नाकाम रही. इसका स्क्रिप्ट और प्रस्तुतिकरण बेहद कमजोर साबित हुआ, जिसने इस बड़े कास्ट की संभावनाओं को जमींदोज कर दिया.

बॉक्स ऑफिस पर शर्मनाक प्रदर्शन

करीब 1.75 करोड़ रुपये के बजट में बनी ‘कसम’ भारत में महज 1.30 करोड़ रुपये ही कमा सकी. ये आंकड़े उस दौर में भी एक बड़ी विफलता माने जाते थे. फिल्म का न कोई प्रमोशन खास हुआ, न ही इसका म्यूजिक दर्शकों को भाया. ऐसे में फिल्म कब आई और कब सिनेमाघरों से उतर गई, इसकी भनक तक किसी को नहीं लगी.

‘गदर’ के साए में गुम हो गई ‘कसम’

इत्तेफाक देखिए कि ‘कसम’ और ‘गदर’ दोनों ही 2001 में रिलीज हुई थीं. जहां ‘गदर’ 15 जून को रिलीज होकर ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर बन गई, वहीं ‘कसम’ 12 अक्टूबर को रिलीज होकर गुमनामी के अंधेरे में खो गई. एक ही साल में सनी देओल को दो बिलकुल अलग किस्म के अनुभव हुए—एक सफलता का शिखर, दूसरा असफलता की तलहटी.

अब ‘जाट’ पर टिकी उम्मीदें

अब जब सनी देओल की फिल्म ‘जाट’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, तो दर्शकों को उम्मीद है कि ये फिल्म भी ‘गदर 2’ जैसी सफलता दोहराएगी. सनी का जलवा फिर से परदे पर लौटे, लेकिन साथ ही वो ‘कसम’ जैसे अनुभवों को भी याद रखते हुए अपने किरदारों को और बेहतर बनाने की ओर बढ़ें.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra