लोकसभा में वक्फ बिल को पास कराने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है, वहीं विपक्ष ने भी अपनी रणनीति तेज कर दी है। कांग्रेस इस मुद्दे को मंडल-कमंडल की तर्ज पर मुकाबले में लाने की योजना बना रही है।
एनडीए सहयोगियों पर विपक्ष की नजर
संख्या बल में सरकार को कोई कठिनाई नहीं है, लेकिन विपक्ष का ध्यान अब एनडीए के सहयोगी दलों पर केंद्रित है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल टीडीपी, जेडीयू और जेडीएस जैसे दलों पर दबाव बनाने की रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इंडिया गठबंधन का स्टैंड पहले की तरह ही रहेगा, लेकिन असली सवाल यह है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू वक्फ बिल पर क्या रुख अपनाएंगे।
जातिगत जनगणना और आरक्षण से देगी बीजेपी को टक्कर
कांग्रेस मानती है कि बीजेपी वक्फ बिल के जरिए हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण को तेज कर रही है। इसके जवाब में कांग्रेस जातिगत जनगणना और 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ने जैसे मुद्दों को धार देने में जुटी है। कांग्रेस का मानना है कि धर्म के मुद्दे को जातिगत राजनीति से ही कमजोर किया जा सकता है।
उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण पर सरकार को घेरा
विपक्ष सरकार पर उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने में कोताही बरतने का आरोप लगा रहा है। कांग्रेस सरकार पर 2006 में बनाए गए आरक्षण कानून को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में जातिगत जनगणना को जोर-शोर से उठाया और सरकार पर इसके क्रियान्वयन में देरी करने का आरोप लगाया।
खरगे का राज्यसभा में बड़ा हमला
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार जनगणना और जातिगत जनगणना को टाल रही है, जिससे कई लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 1881 से हर दस साल पर जनगणना होती आई है, लेकिन मौजूदा सरकार इस पर विलंब कर रही है।
बीजेपी के एजेंडे की काट ढूंढ रही कांग्रेस
बीजेपी लगातार ऐसे मुद्दों को छू रही है, जिससे विपक्ष की मुश्किलें बढ़ रही हैं। वक्फ बिल भी ऐसा ही एक मुद्दा है, जिससे ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा मिलेगा। कांग्रेस को यह साफ हो गया है कि बीजेपी की धार्मिक राजनीति का जवाब जातीय गोलबंदी से ही दिया जा सकता है। विपक्ष अब मंडल बनाम कमंडल की रणनीति पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
