राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन विवादों में घिर गए हैं. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरू सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जब तक सुमन सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक विरोध जारी रहेगा. उन्होंने यहां तक कहा कि सपा सांसद को नाक रगड़कर माफी मांगनी होगी, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा.
आगरा में बढ़ा तनाव, करणी सेना और सपा समर्थकों में झड़प
आगरा में रामजीलाल सुमन के आवास पर करणी सेना के प्रदर्शन के दौरान भारी बवाल हुआ. वीरू सिंह ने आरोप लगाया कि जब करणी सेना के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पहुंचे, तो सपा सांसद के समर्थकों ने ईंट-पत्थर फेंककर हमला किया. इसी दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें करणी सेना के कई कार्यकर्ता घायल हो गए. एक युवक को 47 टांके लगाने पड़े, जबकि खुद वीरू सिंह का पैर फ्रैक्चर हो गया.
सपा पर बरसे वीरू सिंह, अखिलेश से की सांसद को निकालने की मांग
इस घटना के बाद करणी सेना ने सपा और उसके नेतृत्व को घेरा. वीरू सिंह ने अखिलेश यादव से मांग की कि वे रामजीलाल सुमन को पार्टी से बाहर करें. उन्होंने कहा, “सपा सांसद के समर्थकों ने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया, घरों से पत्थर बरसाए और गाड़ियों में तोड़फोड़ की. हम निहत्थे थे, फिर भी हमने डटकर सामना किया.”
लखनऊ में भी गरमाई सियासत, अखिलेश का पुतला जलाया
आगरा की घटना के बाद लखनऊ में भी इस विवाद की आंच दिखी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव का पुतला जलाने की कोशिश की, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई. विधानसभा के सामने प्रदर्शनकारियों ने “राणा सांगा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे लगाए.
“अगर दलितों के नेता हैं तो CM की कुर्सी छोड़ें”
करणी सेना प्रमुख वीरू सिंह ने अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “अगर अखिलेश खुद को दलितों का प्रतिनिधि मानते हैं, तो किसी दलित को मुख्यमंत्री बना दें.” उन्होंने 1992 में कारसेवकों पर गोली चलाने और गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया, जिसमें समाजवादी पार्टी का नाम जुड़ा था.
करणी सेना ने दी चेतावनी: “माफी नहीं मांगी तो आंदोलन होगा ऐतिहासिक”
करणी सेना ने प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने सपा समर्थकों की तरफदारी की और हमारे लोगों को ही मारा. वीरू सिंह ने ऐलान किया कि “अगर सपा सांसद रामजीलाल सुमन राणा सांगा की स्मृति स्थल पर जाकर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो आंदोलन और तेज होगा और इतिहास में दर्ज होगा.”
इस विवाद के बाद आगरा में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस सतर्क है.
