Relationship: मुहब्बत या मौत? जब रिश्ते ही बन रहे हैं खूनी खेल के अखाड़े

कभी मुहब्बत में जान देने की कसमें खाई जाती थीं, आज वही मुहब्बत दिलों में खंजर उतार रही है. हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जहां पति-पत्नी एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन गए हैं. शादी, जो विश्वास और प्रेम का बंधन मानी जाती थी, अब कुछ मामलों में नफरत और हिंसा का अखाड़ा बनती जा रही है.

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में हर साल करीब 50 हजार महिलाओं या लड़कियों का कत्ल हो जाता है, जिनमें 60% मामलों में हत्यारा कोई करीबी व्यक्ति ही होता है—पति, पार्टनर या परिवार का कोई सदस्य. भारत में भी आंकड़े चौंकाने वाले हैं. हर साल औसतन 275 से ज्यादा पत्नियां अपने पति के हाथों मारी जाती हैं, तो वहीं 225 से ज्यादा पतियों की हत्या उनकी पत्नियां कर देती हैं.

घर-घर में गूंज रही इन घटनाओं की चर्चा

हर रोज सोशल मीडिया पर ऐसे मामलों की खबरें वायरल हो रही हैं. लोगों में गुस्सा, हैरानी और कभी-कभी मजाक का माहौल बन जाता है. इस पर मीम्स बनाए जाते हैं, जोक्स शेयर किए जाते हैं, मगर इन तमाम मजाकों के बाद एक सवाल सभी के दिलों में आता है—“आखिर ये हो क्या रहा है?”

कुछ हालिया मामले जो झकझोर देते हैं:

दिल्ली में पति ने पत्नी की हत्या कर लाश को फ्रिज में रखा.
उत्तर प्रदेश में पत्नी ने पति को सोते वक्त मौत के घाट उतारा.
महाराष्ट्र में शक के चलते पति ने पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी.
राजस्थान में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को मार डाला.

समाज में गहराती असहिष्णुता?

रिश्तों में बढ़ती हिंसा के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं—आपसी अविश्वास, घरेलू विवाद, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, आर्थिक तनाव और मानसिक अस्थिरता. विशेषज्ञों का मानना है कि भावनात्मक नियंत्रण की कमी और रिश्तों में बढ़ती दूरियां इन घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं.

क्या रास्ता है?

समाजशास्त्रियों के अनुसार, इस बढ़ते अपराध को रोकने के लिए जरूरी है कि रिश्तों में संवाद और विश्वास को प्राथमिकता दी जाए. इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता, काउंसलिंग और वैवाहिक तनाव को हल करने के लिए सही कदम उठाने की जरूरत है.

यह सवाल अब भी बना हुआ है—क्या हमारी सोच और रिश्तों में आई ये दरार इतनी गहरी हो चुकी है कि इसे भरा नहीं जा सकता? या फिर अब भी वक्त है संभलने का?

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra