अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. मिल्कीपुर विधानसभा संख्या 273 पर उप चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से ही सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने अपना अपना नामांकन दाखिल कर लिया है. बीजेपी से मिल्कीपुर में चंद्रभान पासवान तो समाजवादी पार्टी से अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद मैदान में हैं. तो वहीं आजाद समाज पार्टी से समाजवादी पार्टी के ही बागी कार्यकर्ता सूरज चौधरी भी चुनावी मैदान उतर गए हैं. इस उप चुनाव के सियासी संग्राम में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के भीतर काफी कुछ चल रहा है. सोशल मीडिया पर चल रही बयान बाजी और सियासी पोस्टिंग सभी पार्टियों के बीच चल रही है. जो कि आंतरिक कलह को साफ तौर पर उजागर कर रहे है, और इस आंतरिक कलह से कोई भी पार्टी अछूती नहीं है, फिर चाहे वो बीजेपी हो या फिर समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस ही क्यों ना हो.
लोकसभा चुनाव 2024 से अवधेश का सपा में बढ़ा कद
लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद अयोध्या लोकसभा सीट पर अप्रत्याशित जीत के बाद फैजाबाद लोकसभा से सांसद बने अवधेश प्रसाद का कद सपा में और भी बढ़ गया है. शायद यही वजह थी कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर तय समय से पहले ही अवधेश ने अपने बेटे अजीत प्रसाद की दावेदारी सबके सामने रख दी. चूंकि अवधेश की जीत से प्रदेश और देश में समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की राजनीति की धार को और रफ़्तार जरूर मिली है. लिहाज़ा अखिलेश यादव ने अवधेश के एक निवेदन पर अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर विधानसभा से इंडिया गठबंधन PDA का उम्मीदवार घोषित कर दिया.
प्रत्याशी के नाम का ऐलान होते ही सपा में बगावत
वहीं दूसरी ओर सपा की ओर से प्रत्याशी के नाम का ऐलान होते ही मिल्कीपुर से कई सालों से विधानसभा सीट से विधायक बनने का सपना संजोए बैठे सूरज चौधरी बागी हो गए. अजीत के नाम का आधिकारिक तौर पर ऐलान होने के बाद सूरज चौधरी ने समाजवादी पार्टी से अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ इस्तीफ़ा दे दिया और मिल्कीपुर विधानसभा में उप चुनाव के रण में उतर गए. मीडिया को पता चला तो अवधेश से भी सूरज चौधरी के बागी होने पर सवाल किए गए लेकिन नई-नई जीत और सम्मान ने अवधेश की भाषा असंतुलित कर दी. अवधेश से जब सवाल पूछा गया कि सूरज चौधरी ने आप पर वादा खिलाफ और विश्वासघात का आरोप लगाया है तो अवधेश का जवाब था…..सूरज चौधरी कौन हैं मैं उनको नहीं जानता.
सपा के बागी सूरज चौधरी ने ये कहा
सपा के बागी विधायक सूरज चौधरी ने बताया कि वो 2022 विधानसभा चुनाव में BSP से मिल्कीपुर विधानसभा का चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में थे. वो मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय राजनीति में चल रहे थे लेकिन तब अवधेश प्रसाद ने सूरज चौधरी से संपर्क साधा और सूरज चौधरी को बड़े-बड़े सपने दिखाएं. सूरज ने कहा कि अखिलेश यादव की मौजूदगी में सूरज चौधरी अपने 5 से 6 हजार कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ मानस पर जाकर समाजवादी पार्टी ज्वाइन की. उसके बाद सूरज से अवधेश प्रसाद ने कहा कि वो उसको प्रदेश की राजनीति में लेकर जाएंगे. इतना ही नहीं सूरज चौधरी ने अवधेश पर ये भी आरोप लगाया है कि अवधेश प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने को लेकर उसको 7 बार अपने साथ लखनऊ लेकर गए, लेकिन कभी हॉस्पिटल, कभी पार्टी कार्यालय, तो कभी किसी अन्य स्थल तक ही सूरज चौधरी का जाना हुआ. कभी भी अवधेश प्रसाद ने सूरज को अखिलेश यादव की भेंट नहीं कराया.
एक बार फिर चुनावी मैदान में डटे सूरज
2024 लोकसभा चुनाव के दौरान सूरज चौधरी और अवधेश का एक बार फिर आपसी समझौता हुआ. जिसको लेकर सूरज चौधरी का आरोप है कि अवधेश ने कहा कि वो सांसद बन गए तो मिल्कीपुर सीट खाली हो जाएगी. उस सीट पर उप चुनाव होगा. लोकसभा चुनाव में सूरज चौधरी ने अवधेश के साथ कदम से कदम मिलाकर लोक सभा क्षेत्र में कैंपेन किया, लेकिन फिर एक बार जब अजीत प्रसाद का नाम उप चुनाव में समाजवादी पार्टी से घोषित हुआ. तो एक बार फिर सूरज चौधरी ने समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ दिया. सूरज अब भी चुनावी मैदान में डटे हुए है और वो इस उप चुनाव में चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी से मिल्कीपुर विधानसभा उप चुनाव के प्रत्याशी बनाए गए हैं. सूरज चौधरी का कहना है कि मिल्कीपुर में यादव और पासी समाज के वोटर निर्णायक भूमिका निभाएंगे.
बीजेपी भी आ रही बगावत की बू
सपा ही नहीं बल्कि बीजेपी में भी बगावत की बू आ रही है. मिल्कीपुर से सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से 2017 में विधायक चुने गए गोरखनाथ बाबा को 2022 विधानसभा चुनाव में अवधेश ने मात दे दी थी. जिसके बाद से गोरखनाथ बाबा लगातार मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे और गोरखनाथ बाबा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की तरफ से अपने आप को स्वघोषित उम्मीदवार थे. मगर पार्टी को मिले क्षेत्रीय फीडबैक ने गोरखनाथ बाबा के उम्मीदों को तोड़ दिया और उप चुनाव में चंद्रभान पासवान को टिकट दे दिया गया. चंद्रभान पासवान के नामांकन में जिले और प्रदेश के नेताओं ने मंच साझा किया, लेकिन मंच पर गोरखनाथ बाबा नहीं दिखाई दिए. सूत्रों की मानें तो गोरखनाथ बाबा को मनाने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री और अन्य स्थानीय नेताओं ने कल देर रात मिले हैं. गोरखनाथ बाबा को केंद्र नेतृत्व का हवाला देते हुए मनाने की हर संभव प्रयास किया गया लेकिन बात कितनी बनी है ये बोलने को कोई तैयार नहीं है.
