Ayodhya की मिल्कीपुर सीट पर BJP ने चल दिया बड़ा दांव, अब पासी बनाम पासी हुई लड़ाई, पढ़ें सियासी समीकरण

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है. बीजेपी ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार चंद्रभान पासवान को बनाया है. इस दंगल में चंद्रभान सपा के अजीत प्रसाद को चुनौती देते हुए नजर आएंगे. जिसके बाद अब मिल्कीपुर उप-चुनाव की लड़ाई बीजेपी बनाम सपा ही नहीं बल्कि पासी बनाम पासी की हो गई है.

मिल्कीपुर सीट हर हाल में जीतना चाहती है बीजेपी

मिल्कीपुर विधानसभा सीट बीजेपी के लिए नाक बचाने का सवाल बन कर खड़ी हो गई है. जिसका कारण ये है कि 2024 में अयोध्या लोकसभा सीट हारने के बाद बीजेपी अब हर हाल में मिल्कीपुर विधानसभा में होने वाले उपचुनावों में जीत दर्ज करना चाहती है. जिससे कि बीजेपी को सपा को एक करारा झटका देने में कामयाब हो सके. बता दें कि सपा ने फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव के मैदान में उतार दिया है.

बाबा गोरखनाथ की जगह चंद्रभान को मिला मौका

मिल्कीपुर विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी से टिकट दावेदारों की बात करें तो इनमें पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभान पासवान शामिल थे. इसके अलावा सुरेंद्र कुमार रावत भी चुनाव लड़ने के फिराक में लगे थे. मगर बीजेपी ने तमाम मंथन और विचार-विमर्श के बाद बाबा गोरखनाथ के बजाय चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है.

चंद्रभान पासवान हैं कौन?

अयोध्या जिले के रुदौली कस्बे से सटे हुए गांव परसौली के रहने वाले हैं चंद्रभान पासवान. उनके पिता का नाम बाबा राम लखन पासवान है. उनकी शादी कंचन पासवान से हुई है. चंद्रभान ने शुरुआती पढ़ाई रुदौली में की और उसके बाद फैजाबाद के साकेत विश्वविद्यालय से एम. कॉम और एलएलबी की पढ़ाई की. पासवान बीजेपी के साथ काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं. चंद्रभान अयोध्या में बीजेपी जिला कार्यसमिति के सदस्य भी हैं. इससे पहले चंद्रभान गुजरात के सूरत में काम करते थे, लेकिन अब उनका रुदौली में कपड़े का कारोबार है. चंद्रभान का रुदौली बाजार में बाबा क्लाथ हाउस के नाम से कपड़े का शोरूम खुला हुआ है.

चंद्रभान पासवान का सियासी बैकग्राउंड

मिल्कीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किए गए चंद्रभान का बहुत ज्यादा राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. चंद्रभान के पिता बाबा राम लखन पासवान गांव परसौली के ग्राम प्रधान रह चुके हैं. मगर परसौली नगर पालिका का हिस्सा बन गया. ऐसे में राम लखन ने निकाय चुनाव लड़े मगर जीत ना सके. हालांकि चंद्रभान पासवान की पत्नी कंचन पासवान रुदौली से जिला पंचायत सदस्य हैं. वो दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य बनी हैं. बीजेपी के साथ जुड़े रहने के कारण पार्टी ने चंद्रभान पासवान को मिल्कीपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है. पहली बार चंद्रभान विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वाले हैं. चंद्रभान पासवान को रुदौली के बीजेपी विधायक रामचंद्र यादव का करीबी माना जाता है. इसके अलावा फैजाबाद के सांसद रहे लल्लू सिंह के साथ भी उनके नजदीकी रिश्ते माने जाते हैं. माना जाता है कि राम चंद्र यादव और लल्लू सिंह के करीबी होने का फायदा मिला है और बीजेपी ने उन्हें मिल्कीपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है.

पासी बनाम पासी का हो गया चुनावी दंगल

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर तकरीबन 3.23 लाख वोटर हैं. जिनमें 1 लाख से अधिक दलित मतदाता हैं. दलितों में भी करीब 60 हजार पासी समाज के वोटर शामिल हैं. जिससे साफ है कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पासी वोटर बड़ी संख्या में है. जिसके चलते सपा ने पासी समाज से आने वाले अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है. तो बीजेपी ने भी बड़ा दांव चलते हुए पासी समाज से आने वाले चंद्रभान पासवान को मैदान में उतार दिया है. ऐसे में अब कहा ये जा रहा है कि मिल्कीपुर सीट पर पासी वोट बैंक जिस तरफ शिफ्ट होगा, चुनाव वही जीतेगा. मिल्कीपुर सीट पर ब्राह्मण-यादव के बाद करीब 55 हजार की आबादी पासी वोटर्स की है. जिसको देखते हुए पासी वोट बैंक को साधने की कोशिश में ही बीजेपी ने भी पासी समाज पर दांव खेला है. ऐसे में मिल्कीपुर का चुनाव अब पासी बनाम पासी का हो गया है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra