Mahakumbh में एक्टिव ठगों का जाल, इन नकली वेबसाइटों और फर्जी संदेशों से रहे आप भी सावधान

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, साइबर अपराधियों के लिए एक सुनहरा मौका बन गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और डिजिटल सेवाओं का अधिक उपयोग इन अपराधियों को आसान शिकार प्रदान कर रहा है। नकली वेबसाइट्स और फर्जी वॉट्सऐप मैसेजों के जरिए लोगों को धोखा दिया जा रहा है। ये ठग रहने की व्यवस्था और अन्य सेवाओं की बुकिंग का दावा करते हैं, लेकिन पैसा लेने के बाद गायब हो जाते हैं।

बड़े साइबर हमलों की आशंका!

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने फ़िशिंग, रैन्समवेयर और डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) हमलों की चेतावनी दी है। एओन इंडिया की डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, अपूर्वा गोपीनाथ ने कहा कि इस आयोजन के दौरान विशाल डेटा बैंक बनेगा, जो हैकर्स के लिए आकर्षक होगा। फ़िशिंग के जरिए क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और पासवर्ड चुराए जा सकते हैं, जबकि रैन्समवेयर के जरिए फाइलें ब्लॉक कर फिरौती मांगी जा सकती है।

नकली वेबसाइट्स से बुकिंग

साइबर सुरक्षा फर्म mFilterIt के मुख्य तकनीकी अधिकारी, धीरज गुप्ता ने बताया कि ठग कुंभ मेले से संबंधित सेवाओं की पेशकश करने वाली नकली वेबसाइट्स बनाते हैं। पीड़ितों से वॉट्सऐप या ईमेल के माध्यम से संपर्क कर भुगतान की जानकारी ली जाती है और फिर संपर्क तोड़ दिया जाता है।

साइबर सुरक्षा को लेकर सरकार अलर्ट

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस ने श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह दी है। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए तकनीकी संस्थानों के साथ समझौते किए गए हैं और साइबर विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है। राज्य में 1930 नंबर जारी किया गया है, जिस पर साइबर अपराध की शिकायत दर्ज की जा सकती है।

सीसीटीवी कैमरे भी निशाने पर

विशेषज्ञों ने सार्वजनिक वाई-फाई और सीसीटीवी कैमरों के साइबर हमलों की चपेट में आने की संभावना जताई है। क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के सीईओ, विशाल साल्वी ने कहा कि सार्वजनिक इंटरनेट नेटवर्क का उपयोग डिजिटल भुगतान के लिए जोखिम भरा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील, एन. एस. नप्पिनई ने कहा कि साइबर हमलों का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि आतंक फैलाना भी हो सकता है। इस स्थिति में उच्च स्तर की साइबर सुरक्षा अनिवार्य है।

महाकुंभ में साइबर सुरक्षा एक अहम मुद्दा बन गया है, और श्रद्धालुओं को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra