Mahakumbh में जाने से पहले एक क्लिक में जानिए कहां कर पायंगे आप स्नान, संगम समेत इन घाटों में मिलेगी ऐसे एंट्री

प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) से इसकी आधिकारिक शुरुआत होगी। श्रद्धालु कल्पवास के लिए पहले ही कुंभ क्षेत्र पहुंचने लगे हैं। महाकुंभ के दौरान स्नान करने के लिए प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। यहां के प्रमुख स्नान घाटों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।

संगम या त्रिवेणी घाट


संगम घाट, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, सबसे प्रमुख स्नान स्थल है। इसे त्रिवेणी घाट भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि यहां स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इस घाट पर सालभर श्रद्धालु स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं।

दशाश्वमेध घाट


दशाश्वमेध घाट, जो दारागंज मुहल्ले के सामने गंगा तट पर स्थित है, का ऐतिहासिक महत्व है। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने यहां दस अश्वमेध यज्ञ किए थे। सावन के महीने में इस घाट पर शिव भक्त बड़ी संख्या में जुटते हैं और गंगा जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। यह घाट धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है।

रसूलाबाद घाट (चंद्रशेखर आजाद घाट)


रसूलाबाद घाट, जिसे हाल ही में चंद्रशेखर आजाद घाट का नाम दिया गया है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक चंद्रशेखर आजाद के अंतिम संस्कार का स्थल है। यह घाट शहर के उत्तरी क्षेत्र में रसूलाबाद मुहल्ले में स्थित है। श्रद्धालु यहां स्नान, दान और ध्यान करने आते हैं। इसका ऐतिहासिक महत्व भी इसे विशेष बनाता है।

शंकर घाट


तेलियरगंज मुहल्ले में स्थित शंकर घाट नागेश्वर महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां गंगा पार के ग्रामीण भी स्नान के लिए आते हैं। इस घाट पर श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। नागेश्वर महादेव मंदिर की गहरी आस्था के कारण यह घाट धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

द्रौपदी घाट


कैंट थाना क्षेत्र में स्थित द्रौपदी घाट से गंगा की तेज लहरों का आनंद लिया जा सकता है। यहां से बिंदु माधव मंदिर भी दिखाई देता है, जो वैष्णव साधुओं के लिए प्रमुख स्थल है। यह घाट कीर्तन और भजन के लिए भी प्रसिद्ध है। धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालु यहां जुटते हैं।

महाकुंभ के दौरान इन घाटों पर स्नान करने का विशेष महत्व है। श्रद्धालु यहां धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर पुण्य अर्जित करते हैं।

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra