दिल्ली में 24 फीसदी पूर्वांचली वोटरों पर बीजेपी की निगाहें टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि पूर्वांचल के लगभग 40 लाख वोटर दिल्ली की 17 से 20 विधानसभा सीटों पर असर डाल सकते हैं. जिसके चलते बीजेपी ही नहीं बल्कि सभी पार्टियां उन्हें लुभाने में जुटी हुई हैं. वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा BJP पर पूर्वांचली वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया गया है. जिसके जवाब में BJP ने मनोज तिवारी के अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को आगे करते हुए दिल्ली में चुनाव प्रचार में उतार दिया है.
JDU और LJP को भी कुछ सीटें देने की रणनीति
इतना ही नहीं बीजेपी ने अपने NDA सहयोगियों JDU और LJP को भी कुछ सीटें देने की रणनीति तैयार की है. ताकि बिहार से जुड़ी इन सहयोगी पार्टियों की बदौलत पूर्वांचली वोटर बीजेपी से जुड़ सकें. बीजेपी ना ही सिर्फ बिहार के उप मुख्यमंत्रियों को दिल्ली चुनाव प्रचार में उतार रही है. बल्कि अरविंद केजरीवाल को काउंटर करने के लिए बिहार और पूर्वी यूपी से अपने कई वरिष्ठ सांसदों और नेताओं को भी मैदान में उतार रही है.
पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने को BJP चलाएगी कई अभियान
बीजेपी ने अपने पूर्वांचल मोर्चा समेत सभी मोर्चों को विधानसभाओं में पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने के लिए चाय पर चर्चा की तरह ही लिट्टी-चोखा पर चर्चा का अभियान तैयार किया है. अगले कुछ दिनों में यह अभियान शुरू किया जाएगा. इसके अलावा पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने के लिए बीजेपी एक दर्जन योजनाएं चलाने जा रही है. जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश से उसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के नेता बड़ी संख्या में शामिल होने वाले हैं.
सियासी समीकरण बदलने की कोशिशों में बीजेपी
बिहार और उत्तर प्रदेश से डेढ़ सौ से अधिक विधायक, सांसद, मंत्री और 25000 से अधिक बीजेपी के कार्यकर्ता विभिन्न कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे. इन कार्यक्रमों में पूर्वांचली लाभार्थी संपर्क अभियान, पूर्वांचल स्वाभिमान सम्मेलन, पूर्वांचली सांस्कृतिक समिति संपर्क अभियान, पूर्वांचल समाज संवाद, पूर्वांचली मकर संक्रांति महोत्सव अभियान होंगे. ये सभी कार्यक्रम बीजेपी के पूर्वांचल वोटर जोड़ों अभियान के तहत चलेगा लेकिन इन सबके बावजूद राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इन कार्यक्रमों की बजाय इस समाज को राजनीतिक भागीदारी देने से बीजेपी का भला हो सकता है. वहीं इस बार बीजेपी सियासी समीकरण बदलने का प्रयास कर रही है. पार्टी प्रत्येक बूथ पर कम से कम 5 पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी. इसके साथ ही 1200 बैठकों के आयोजन का भी प्लान है.
