राजनीतिक घटनाओं से भरा रहा साल 2024, विपक्ष हुआ एकजुट, मोदी ने की वापसी, जानिए और क्या खास हुआ इस साल?

2024 में भारत की राजनीति में तमाम उतार-चढ़ाव आए. जहां एक ओर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ‘INDIA’ गठबंधन के रूप में भाजपा के खिलाफ एक साथ नजर आए तो वहीं एक बार फिर से मोदी सरकार ने अपनी वापसी की.

साल 2024 में भारत में कई घटनाएं देखने को मिली. जिसमें राजनीतिक घटनाएं, पड़ोसी देशों से सीमा विवाद, किसानों का आंदोलन जैसी घटनाएं मुख्य रहीं. भाजपा ने जहां तीसरी बार अपनी सरकार बनाई तो वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने कांग्रेस का दम दिखाया. इसके साथ ही कांग्रेस और सपा INDIA एलायंस के जरिए भाजपा के खिलाफ एक साथ लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे लेकिन भाजपा ने एक बार फिर बाजी मार ली.

तीसरी बार बनी मोदी सरकार

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने तीसरी बार बहुमत बनाई और अपनी सरकार बनाने में सफल रही और नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. हालांकि, इस बार भाजपा को कई राज्यों में बहुमत के लिए संघर्ष करना पड़ा और इस बार विपक्ष भी दमदार दिखाई दिया. इसके अलावा कांग्रेस ने कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया.

एकजुट हुआ विपक्ष

लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने INDIA गठबंधन के जरिए चुनाव लड़ा. इस गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, राष्ट्रीय जनता दल, आप, समाजवादी पार्टी, शिवसेना और अन्य कई दल शामिल थे.

दिल्ली के सीएम को जेल

भारत की राजधानी दिल्ली भी राजनीतिक घटनाओं से अछूती नहीं रही. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले में जेल जाना पड़ा. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया जिसके बाद आतिशी ने सीएम पद की शपथ ली.

किसानों का आंदोलन

2024 में किसानों का आंदोलन खूब सुर्खियों में रहा. कृषि कानून के विरोध में किसानों ने सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया. वहीं किसानों के आंदोलन का असर राजनीति पर भी खूब पड़ा. हालांकि सरकार ने किसानों का राहत पहुंचाने का प्रयास जरूर किया लेकिन आंदोलन नहीं खत्म हुआ.

सीमा विवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा

भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए. वहीं चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवादों पर भी सख्ती दिखाई. भारत ने अमेरिका, रूस जैसे देशों से अपने अच्छे संबंध स्थापित किए और अपनी स्थिति मजबूत की. वहीं कनाडा द्वारा भारत पर बयानबाजी को लेकर चर्चाएं भी बनी रहीं.

त्रिपुरा में समाप्त हुआ उग्रवाद

भारत के राज्य त्रिपुरा में 35 साल से चल रहा उग्रवाद भी 2024 में समाप्त हुआ. दरअसल, केंद्र, त्रिपुरा राज्य सरकार और त्रिपुरा के दो विद्रोही संगठनों की बीच शांति समझौता किया गया जिसके बाद उग्रवाद खत्म हुआ और साथ ही आदिवासियों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान हुआ.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra