Haryana में Nayab Saini की ताजपोशी से पहले Amit Shah ने क्यों मचाई कांग्रेस में हलचल, पढ़ें इस रिपोर्ट में

हरियाणा में 17 अक्टूबर को नायब सिंह सैनी दूसरी बार शपथ ग्रहण करने वाले हैं. मगर अभी तक इस फैसले पर औपचारिक मुहर नहीं लगी है लेकिन ये तय माना जा रहा है कि सैनी ही हरियाणा के सीएम होंगे. पार्टी ने केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव को विधायक दल की बैठक में भेजने का फैसला लिया है. चंडीगढ़ में 16 अक्टूबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी. जिसको लेकर पार्टी की ओर से विधायकों को 2 दिनों तक चंडीगढ़ में रहने को कहा गया है. बता दें कि 17 अक्टूबर को नायब सिंह सैनी 12 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण करेंगे.

सीएम पद की दावेदारी ठोंक चुके दो नेता

8 अक्टूबर को घोषित किए गए चुनाव परिणाम में बीजेपी को तीसरी बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत मिला. भारतीय जनता पार्टी को 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटों पर जीत मिली. जबकि तीन निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार को समर्थन दिया है. जिसके बाद अब बीजेपी के पास 51 का आंकड़ा है, जो स्थिर सरकार के लिए काफी है. इस जीत के बाद सीएम पद के कई दावेदार सामने आए. सबसे पहले दावा पूर्व मंत्री अनिल विज ने किया और खुद को सीनियर मोस्ट बताते हुए ताल ठोंक दी. फिर दक्षिण हरियाणा के नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी ताल ठोंकी. अहिरवाल से 21 विधायक जीतने के बाद राव इंद्रजीत ने बयान दिया कि इस क्षेत्र को भी नेतृत्व का मौका मिलना चाहिए.

पार्टी हाईकमान नायब सिंह सैनी के पक्ष में

पार्टी सूत्रों की मानें तो हाईकमान ने चुनाव के ऐलान से पहले ही नायब सिंह सैनी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी. सैनी ने चुनाव में सधे हुए अंदाज में काम किया. अपने 5 महीने के कार्यकाल में सैनी ने लोकलुभावन योजनाओं की झड़ी लगा दी. सैनी गैर जाट वोटरों को जोड़ने में भी कामयाब रहे और किसान, जवान, पहलवान वाले नैरेटिव का तोड़ निकाल लिया. नतीजा ये हुआ कि बीजेपी ने हरियाणा में हैट्रिक लगाई और इतिहास रच दिया. अगर पार्टी चुनाव हार जाती तो नायब सिंह सैनी की किरकिरी भी तय थी, इसलिए पार्टी सैनी को इनाम का हकदार मानती है.

पीएम मोदी से दिल्ली जाकर सैनी ने की मुलाकात

नायब सिंह सैनी ने चुनाव में जीत के बाद दिल्ली जाकर केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. सैनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की और चुनाव की रिपोर्ट दी. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक इन मुलाकातों के दौरान सैनी ने बता दिया है कि नई सरकार बनने से पहले सीनियर नेताओं की दावेदारी मुश्किल खड़ी कर सकती है. सैनी ने अनिल विज के बयानों और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के बारे में भी जानकारी दी. इसके बाद जे पी नड्डा ने ऐसे नेताओं को ऑब्जर्वर बनाने का फैसला किया, जो केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को अमलीजामी पहना सकें.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra