UP के इस जिले में लगती है भूतों की अदालत, 700 सालों से चली आ रही परंपरा, पढ़ें एक क्लिक में

टीवी सीरियलों, फिल्मों यहां तक कि कुछ वेब सीरीज तक में आपने भूतों के बारे में सुना हो. वहीं अगर आपको पता चले कि यूपी में एक ऐसी जगह है जहां पर भूतों की अदालत लगती है. तो जाहिर सी बात है आपकी भी रूह कांप उठेगी. मगर ये बिल्कुल सच है. दरअसल कुशीनगर के बूढ़न शाह बाबा की दरगाह पर करीब 700 साल से भूतों की अदालत लगती आ रही है. रहस्यमयी किस्सों-कहानियों से लबरेज यह दरगाह पड़रौना नगर से 9 किलोमीटर दूर शाहपुर गांव के पास टीले पर मौजूद है.

बाबा बूढ़न शाह दरगाह के चमत्कार के अनोखे किस्से

कुशीनगर के लोगों के लिए भूत प्रेतों से मुक्ति पाने का बाबा बूढ़न शाह एक पवित्र स्थान है. तो कुछ लोगों के लिए भूतों की सबसे लंबी चलने वाली अदालत, जहां पर सुनवाई भी होती है और सजा भी तय की जाती है, कौन जज सुनवाई करता है, कौन वकील होता है यह अपने आप में भी एक रहस्य है. रहस्यों से भरे बाबा बूढ़न शाह की दरगाह पर लोगों की भीड़ देख और यहां पर आने वाले लोगों द्वारा किए जाने वाले दावों को सुनकर शायद विज्ञान भी चौंक जाए. बाबा बूढ़न शाह दरगाह की तमाम कहानियां और चमत्कार के अनोखे किस्से हैं. दावा किया जाता है कि बाबा के चमत्कार की वजह से ही नदी उत्तर से दक्षिण की तरफ नहीं बहती बल्कि बाबा के चमत्कार ने नदी को उल्टी दिशा में बहने को मजबूर कर दिया है. इस नदी में नहाने से रोग और बीमारियां दूर हो जाते हैं. बाबा बूढ़न शाह के दरबार को यूपी ही नहीं बल्कि बिहार और नेपाल तक प्रसिद्धी हासिल है.

बाबा की पर्ची से लगती है भूत बुलाने की हाजिरी

दरगाह के अंदर हर तरफ सिर्फ मजार क्यों बनी हुई हैं. कोई यहां पर कई सालों से आ रहा है तो कोई रोज आता है, तो कोई महीनों से यहां डेरा जमा कर रह रहा है. दावे ऐसे कि जहां डॉक्टर का इलाज काम ना आए वहां बाबा की पर्ची काम आ जाती है. इस दरगाह के मुख्य सेवादार सादे कागज पर उर्दू भाषा में कुछ लिख रहे थे. पूछने पर पता चला यह भूत बुलाने की हाजिरी बन रही है. जब यह हाजिरी बनकर बाबा बूढ़न शाह की मजार पर जाती है तो जिसने हाजिरी लगवाई, वह खुद झूमते हुए बाहर आ जाता है. भूत-प्रेत की दिक्कत जिस इंसान को होगी वह खुद ऐसे ही जमीन पर लेटते, दौड़ते, हंसते, रोते हुए अपनी गलती की माफी मांगता आएगा. इसके साथ ही इंसानी शरीर में क्यों शरण ली यह जानकारी भी देगा. फिर उस इंसानी शरीर को छोड़ने की शर्त बताएगा.

हिंदू लोग भी दरगाह में लगाते हैं हाजिरी

भले ही यह मुस्लिम समाज की दरगाह हो लेकिन बड़ी तादाद में यहां हिन्दू समाज के लोग भी हाजिरी लगाते हुए नजर आए. दरगाह के सेवादार का कहना है कि “इस दरगाह के बगल में 3 ऐसी और मजार थीं. जो कि हिन्दू समाज से जुड़े सेवादारों की थीं. ये सेवादार बाबा बूढ़न शाह की सेवा करते-करते चल बसे. इन सेवादारों में से एक ब्राह्मण थे, दूसरे यादव जबकि तीसरे एक साधु थे.”

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra