Delhi में AAP की ‘आतिशी’ पारी की शुरुआत, इन दिग्गजों ने भी ली शपथ !

दिल्ली में शनिवार को आतिशी ने 9वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. आतिशी को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम पद की शपथ दिलाई. आतिशी के साथ आम आदमी पार्टी के पांच विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. जिनमें चार पुराने चेहरे भी शामिल हैं. जबकि मुकेश अहलावत के रूप में एक नए चेहरे को भी कैबिनेट में जगह दी गई है. आतिशी सरकार में एक मुस्लिम चेहरे को भी जगह दी गई है.

केजरीवाल की गैर मौजूदगी में आतिशी ने ही पार्टी की कमान संभाली

दिल्ली की कालकाजी सीट से आतिशी विधायक हैं. पहली बार साल 2020 में आतिशी ने चुनाव जीता और विधायक निर्वाचित हुईं. आतिशी को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद साल 2023 में पहली बार मंत्री बनाया गया. आतिशी शिक्षा के साथ-साथ कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल रही थीं. पार्टी से जुड़े सियासी मुद्दों पर काफी मुखर भी रहीं केजरीवाल की गैर मौजूदगी में पार्टी संगठन को एकजुट करके रखने में अहम भूमिका निभाई है. वहीं दिल्ली में आतिशी की गिनती अरविंद केजरीवाल की करीबी के साथ-साथ मनीष सिसोदिया के भरोसेमंद के रूप में भी होती है. आपको बता दें कि दिल्ली की आतिशी तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं. आतिशी से पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री का पद संभाल चुकी हैं. इसके अलावा आतिशी दिल्ली की सबसे युवा सीएम भी हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड अरविंद केजरीवाल के नाम था.

आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ 2013 में आप से जुड़े सौरभ

सौरभ भारद्वाज 2013 में जब पहली बार केजरीवाल सरकार बनी तब से मंत्री हैं. सरकार से जुड़े मुद्दों को लेकर खुलकर अपनी और पार्टी की बात रखते हैं. आतिशी के बाद मौजूदा समय में नंबर दो सौरभ को ही माना जाता है. सौरभ भारद्वाज आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ साल 2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी से जुड़े और ग्रेटर कैलाश सीट से चुनाव लड़ा. सौरभ इस सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं.

केजरीवाल के सहयोगी और भरोसेमंद कहे जाते हैं गोपाल राय

गोपाल राय केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे हैं. गोपाल अन्ना आंदोलन के समय से ही केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं. लोकपाल बिल को लेकर गोपाल राय ने आवाज बुलंद की थी. आंदोलन से लेकर पार्टी के गठन तक गोपाल ने अहम भूमिका निभाई है. गोपाल राय कई बार पार्टी और केजरीवाल के लिए संकट मोचन बनकर उभरे हैं. गोपाल राय ने पार्टी के लिए कई कैंपेन की अगुवाई भी की.

जाट नेता और LG से मधुर संबंध रखते हैं कैलाश गहलोत

कैलाश गहलोत साल 2017 में कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद केजरीवाल सरकार में शामिल हुए. गहलोत पार्टी के बड़े जाट नेताओं में से एक हैं. गहलोत के उपराज्यपाल से भी मधुर संबंधों की चर्चा रहती है. साल 2024 में 15 अगस्त के मौके पर उपराज्यपाल ने कैलाश गहलोत को ही झंडा फहराने के लिए चुना था, जबकि केजरीवाल की ओर से आतिशी का नाम आगे बढ़ाया गया था. दिल्ली की नजफगढ़ सीट से दो बार के विधायक रह चुके हैं गहलोत.

केजरीवाल सरकार में खाद्य मंत्री मंत्री रह चुके हैं इमरान हुसैन

इमरान हुसैन केजरीवाल सरकार में खाद्य मंत्री मंत्री रह चुके हैं. इमरान पार्टी में इकलौता मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं. यही वजह है कि पार्टी ने आतिशी सरकार में भी उन्हें रिटेन किया गया है. इमरान दिल्ली के मुस्लिम वोटरों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. इमरान पहले आरएलडी में थे, 2015 में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ज्वॉइन की. इमरान हुसैन दिल्ली की बल्लीमारान सीट से विधायक हैं.

मुकेश अहलावत को पहली बार मंत्रिमंडल में मिली जगह

मुकेश अहलावत को आतिशी सरकार में पहली बार मौका दिया गया है. मुकेश अहलावत पार्टी में दलित चेहरा भी हैं. अहलावत दिल्ली की सुल्तानपुर सीट से विधायक हैं. आगामी चुनाव में अहलावत के जरिए ही आप नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली को साधने की कोशिश में लगी हुई है. अहलावत पहले बीएसपी में रहे फिर 2020 में आम आदमी पार्टी का दामन थामा.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra