भारत ने चीन को दिया गहरा सदमा, जिसके पिता ने बेचा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पानी वही ‘जुगराज’ बना जीत का हीरो, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने चीन को पटखनी दे दी है. भारत ने चीन को 1-0 से मात दे दी है. वहीं भारतीय टीम इस जीत के हीरो जुगराज सिंह रहे. जुगराज ने चौथे क्वार्टर के 51वें मिनट में शानदार गोल दाग कर टीम इंडिया को बढ़त दिलाई. भारतीय टीम को चीन ने फाइनल मैच के दौरान काफी तगड़ी टक्कर दी. मगर जुगराज का गोल चीन पर भारी पड़ गया. अक्सर जब भी भारतीय हॉकी टीम जीत का परचम लहराती है तो आमतौर पर उसका श्रेय कप्तान हरमनप्रीत सिंह को जाता है लेकिन इस बार भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के एक छोटे से गांव में जन्मे जुगराज सिंह को ये श्रेय जाता है.

जुगराज ने बिना मेंटॉर हॉकी में कमाया नाम

पंजाब के अटारी में जुगराज सिंह का जन्म हुआ था. अटारी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित है और एक समय था जब यहां अक्सर फायरिंग हुआ करती थी. पाकिस्तानी सेना की फायरिंग ने लोगों को इस कदर परेशान कर दिया था कि एक समय ऐसा भी आया जब भारतीय सेना ने जुगराज के गांव को खाली करने का निर्देश दे दिया था. हालांकि बाद में स्थिति ठीक हुई लेकिन जुगराज और उनके परिवार की माली हालत बेहद खराब हो गई थी. आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि जुगराज ने परिवार पालने के लिए भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पानी की बोतलें तक बेची हैं. वहीं जुगराज के पिता बॉर्डर पर कुली का काम किया करते थे. अपने परिवार की गरीबी को खत्म करने के लिए जुगराज ने हॉकी को अपने करियर के रूप में चुना और बिना किसी मेंटॉर के हॉकी में अपना नाम बनाया.

शमशेर सिंह और चतारा सिंह हैं जुगराज के आइडल

शमशेर सिंह और चतारा सिंह जुगराज सिंह के आइडल थे. ये दोनों ही खिलाड़ी जुगराज के गांव के ही थे. जिन्हें देखकर जालंधर में हॉकी एकेडमी में जुगरात ने एडमिशन लिया और साल 2011 में पीएनबी की टीम में सेलेक्ट हुए. तब जुगराज को सिर्फ 3500 रुपये स्टाइपेंड मिलता था लेकिन साल 2016 में उनकी जिंदगी बदल गई. साल 2016 में भारतीय नौसेना की टीम में जुगरात को एंट्री मिली और उन्हें टीम पैटी ऑफिसर बनाया गया. जुगराज के लिए ये नौकरी बेशकीमती थी क्योंकि उनकी सैलरी 3500 से 35000 तक पहुंच गई थी. आज जुगराज को पूरा देश सलाम कर रहा है. पहले जुगराज ने ओलंपिक में टीम इंडिया को ब्रॉन्ज दिलाया और अब देश को एशिया का चैंपियन बना दिया है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra