अब दिल्ली की अगली और तीसरी महिला मुख्यमंत्री आतिशी बनने वाली हैं. दरअसल मंगलवार सुबह AAP संयोजक केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई. इस बैठक में सर्वसम्मति से नए नेता सदन का चुनाव आतिशी के रूप में किया गया. आतिशी अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में सबसे हैवीवेट मंत्री रही हैं. आतिशी का नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा था. जिसके बाद विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है.
पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं आतिशी
8 जून 1981 को दिल्ली में एक पंजाबी राजपूत परिवार में आतिशी का जन्म हुआ था. आतिशी के पिता नामविजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुके हैं. आतिशी ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली स्प्रिंगडेल स्कूल से की है.इसके बाद सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री से स्टडी की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की. कुछ साल बाद आतिशी ने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद आतिशी ने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए, जहां वो जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ी रहीं. आतिशी ने वहां पर कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया. जहां पहली बार AAP के कुछ सदस्यों से आतिशी की मुलाकात हुई और पार्टी की स्थापना के समय ही आतिशी शामिल हो गईं. साल 2020 में पहली बार आतिशी कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं. बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को आतिशी ने 11 हजार 393 वोटों से मात दी थी.
केजरीवाल का करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र हैं आतिशी
आतिशी को केजरीवाल का करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र भी माना जाता है. अन्ना आंदोलन के समय से ही आतिशी संगठन में सक्रिय भूमिका में रही हैं. इस समय आतिशी के पास सबसे ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी है और जब मार्च में केजरीवाल जेल गए, तब से वो पार्टी से लेकर सरकार तक के मसले पर मोर्चा संभाले हुए नजर आईं हैं. विधानसभा चुनाव में आतिशी साल 2020 के पहली बार विधायक चुनी गईं और 2023 में पहली बार केजरीवाल सरकार में मंत्री बनीं. इसके सालभर बाद ही 2024 में आतिशी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. इससे पहले वो 2019 में पूर्वी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं और बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों से हार कर तीसरे नंबर पर आईं थीं. बता दें कि मुख्यमंत्री को लेकर जिन अन्य नामों पर चर्चा चल रही थी उनमें कैलाश गहलोत, गोपाल राय और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल था.
इन वजहों से सीएम की कुर्सी की बनीं हकदार
आतिशी का नाम दिल्ली सीएम के रूप में बिल्कुल भी चौंकाता नहीं है. देखा जाए तो दिल्ली सरकार में केजरीवाल की वे स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं. शराब घोटाला मामले में केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया का भी नाम सामने आया था. ऐसे में केजरीवाल और सिसोदिया के जेल जाने के बाद उनके लगभग सभी मंत्रालय आतिशी को ही सौंप दिए गए थे. केजरीवाल और सिसोदिया की गैर मौजूदगी में आतिशी दिल्ली सरकार का चेहरा बन गईं. वे ना केवल पार्टी के भीतर के काम देख रही थीं, बल्कि केजरीवाल पर हमलावर बीजेपी का भी डटकर मुकाबला कर रही थीं. एक तो तेजतर्रार ऊपर से केजरीवाल की भरोसेमंद भी. इन दो बातों ने आतिशी के बायोडेटा को और भी मजबूत बना दिया.
