कहते हैं कि जब तक आप कुर्सी पर बैठे हो, तब तक लोग आपकी जी हुजूरी करते नहीं थकते. वहीं जैसे ही आपसे कुर्सी छिनती है लोग आपको पहचानते भी नहीं है. ऐसा ही कुछ हो रहा है 9 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर हरियाणा की सत्ता पर काबिज रहने वालेमनोहर लाल खट्टर के साथ भी. दरअसल हरियाणा में विधानसभा चुनावों का शोर है. इस शोर के दौरान लोगों को लुभाने के लिए बीजेपी के कई नेताओं के पोस्टर भी लगाए जाते हैं. इन्हीं पोस्टरों से वर्तमान में केंद्र में पावरफुल मंत्री होने के बावजूद खट्टर धीरे-धीरे गायब होते नजर आ रहे हैं.
वर्तमान कैबिनेट में हरियाणा के एकमात्र मंत्री हैं खट्टर
हरियाणा के 9 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रहे मनोहर लाल खट्टर को मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनाया गया है. वर्तमान में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले एकमात्र मंत्री हैं मनोहर लाल खट्टर. वहीं हरियाणा के राव इंद्रजीत सिंह स्वतंत्र प्रभार के, तो कृष्णपाल गुर्जर राज्य मंत्री हैं. विभागों की बात की जाए तो करनाल से सांसद खट्टर वर्तमान में ऊर्जा और शहरी विकास विभाग के मंत्री हैं. दोनों ही विभाग इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इन सबके बाद भी बीजेपी नेता अब खट्टर को तवज्जो नहीं दे रहे हैं. ये आलम तब है जब विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मनोहर लाल खट्टर लगातार दौरे कर रहे हैं.
सैनी के पोस्टर पर मिली खट्टर को जगह
लाडवा से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नामांकन दाखिल किया है. सैनी की तरफ से नामांकन को लेकर जो पोस्टर जारी किए गए हैं, उसमें मनोहर लाल खट्टर की तस्वीर है लेकिन राव इंद्रजीत सिंह की बेटी और कुलदीप बिश्नोई के बेटे के पोस्टर से खट्टर गायब हैं. भव्य आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई के बेटे तो अटेली से राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती बीजेपी उम्मीदवार हैं. भव्य के पोस्टर पर सबसे बड़ी तस्वीर दादा भजनलाल की और फिर पिता कुलदीप बिश्नोई की लगाई गई है. पीएम नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, नायब सैनी, सतीश पूनिया को भी पोस्टर में जगह दी गई है. इसी तरह आरती के पोस्टर में राव इंद्रजीत सिंह की तस्वीर सबसे बड़ी है. इसके अलावा पोस्टर में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, नायब सैनी और धर्मेंद्र प्रधान को जगह दी गई है.’
खट्टर के पोस्टरों से गायब होने की तीन बड़ी वजहें
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के चुनावी पोस्टरों से गायब होने के कई कारण है. जिनमें बेहतर राजनीतिक रिश्ते ना होना, खट्टर के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी और खट्टर का सियासी प्रभाव मुख्य हैं. राजनीतिक रिश्तों की बात करें तो कुलदीप बिश्नोई और राव इंद्रजीत सिंह से मनोहर लाल खट्टर के राजनीतिक रिश्ते बेहतर नहीं माने जाते हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान हिसार में खट्टर के एक बयान ने बिश्नोई परिवार से उनकी दूरी को और बढ़ा दिया है. जिसका कारण है कि चुनाव प्रचार के दौरान खट्टर ने एक पुराने किस्से के जरिए कुलदीप के पिता भजनलाल के खिलाफ निशाना साधा था. पोस्टर पर खट्टर की तस्वीर न होने की दूसरी बड़ी वजह उनके खिलाफ एंटी इनकंबैंसी को भी बताया जा रहा है. इन्हीं एंटी इनकंबैंसी की वजह से मार्च 2024 में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था. खट्टर के पोस्टरों से गायब होने की तीसरी बड़ी वजह सियासी जनाधार है. मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री रहने से पहले किसी बड़े पद पर नहीं रहे हैं. हरियाणा की राजनीति में खट्टर का कोई बड़ा सियासी जनाधार भी नहीं है. खट्टर की तस्वीर जिन नेताओं के पोस्टरों पर नहीं है. उन नेताओं का अपना सियासी जनाधार है.
