हिंडनबर्ग रिसर्च के बारे में आप सबने जरूर सुना होगा. जी हां हम उसी रिसर्च की बात कर रहे हैं. जिसके एक खुलासे ने देश के अरबपति गौतम अडानी को ऐसा जबरदस्त झटका दिया था. जिससे अडानी आज भी उबर नहीं पाए हैं. वहीं एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च एक बड़ा खुलासा करने की तैयारी में नजर आ रही है.
भारत में जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला
कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसके संकेत भी दिए हैं. कंपनी ने एक्स पर की गई अपनी पोस्ट में लिखा है कि भारत में जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है. जिससे साफ है कि कंपनी एक बार फिर कोई बड़ा धमाका करने वाली है. सोशल मीडिया पर कंपनी की ओर से ये अपडेट शेयर होते ही चर्चा का विषय बन गया. सुबह के साढ़े नौ बजे तक एक्स पर हिंडनबर्ग के इस अपडेट को डेढ़ मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके थे और करीब साढ़े चार हजार बार रिपोस्ट किया जा चुका था.
हिंडनबर्ग रिसर्च अब तक कई कंपनियों का कर चुकी पर्दाफाश
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले एक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेरफेर समेत कई तरह के आरोप लगाए गए थे. अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस रिपोर्ट के कारण ग्रुप के मार्केट कैप में $150 अरब तक गिर गया था. जिसके कारण गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आ गई थी. जिसके बाद गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में काफी नीचे खिसक गए थे. हालांकि अडानी ग्रुप के शेयरों ने हाल के महीनों में काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है. आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब तक कई कंपनियों में घालमेल का पर्दाफाश करने का दावा किया है.
नाथन एंडरसन है हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी का मालिक
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन हैं. एंडरसन की सही जन्म तिथि सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन 2023 की शुरुआत में उनकी उम्र 38 वर्ष बताई गई थी. एंडरसन कनेक्टिकट राज्य में पले-बढ़े हैं. जहां नाथन ने एक रूढ़िवादी यहूदी डे स्कूल में पढ़ाई की. नाथन एंडरसन एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और एक नर्स के बेटे हैं. अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से नाथन एंडरसन ने इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद नाथन ने एक डेटा रिसर्च कंपनी में नौकरी की. नाथन एंडरसन का काम इस कंपनी में पैसों के इनवेस्टमेंट से जुड़ा होता है. नौकरी करते हुए एंडरसन डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को समझता है. इसके बाद एंडरसन को इस बात का अंदाजा हो जाता है कि शेयर मार्केट दुनिया के पूंजीपतियों का सबसे बड़ा अड्डा है. शेयर मार्केट में काफी कुछ ऐसा हो रहा है जो आम लोगों की समझ से परे है. इसके बाद एंडरसन को फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी शुरू करने का आइडिया आता है. साल 2017 में एंडरसन हिंडनबर्ग नाम से एक कंपनी की शुरुआत की.
इन मामलों पर रिसर्च करती है हिंडनबर्ग
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी का मुख्य काम शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट, और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है. रिसर्च के जरिए कंपनी ये पता करती है कि क्या गलत तरह से शेयर मार्केट में पैसों की हेरा-फेरी हो रही है? अपने फायदे के लिए कहीं बड़ी कंपनियां अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो नहीं कर रही हैं? कोई कंपनी शेयर मार्केट में अपने फायदे के लिए गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है? इस तरह रिसर्च के बाद ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी एक रिपोर्ट पब्लिश करती है. कई मौकों पर इस कंपनी की रिपोर्ट का दुनियाभर के शेयर मार्केट पर असर देखने को मिला है.
हिंडनबर्ग 36 कंपनियों में गड़बड़ी का कर चुकी भंडाफोड़
हिंडनबर्ग की जांच प्रक्रिया में सार्वजनिक रिकॉर्ड और आंतरिक कॉर्पोरेट दस्तावेजों की छानबीन करना और कंपनी के कर्मचारियों के साथ साक्षात्कार करना शामिल है। इसके बाद फर्म एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करती है, जिसे उसके सीमित भागीदारों के साथ साझा किया जाता है। साथ में, वे लक्ष्य कंपनी में एक छोटी स्थिति लेते हैं, अगर रिपोर्ट के सार्वजनिक रिलीज के बाद कंपनी के शेयर की कीमत में गिरावट आती है तो लाभ कमाते हैं। हिंडनबर्ग का दावा है कि 2017 से अब तक कम से कम 36 कंपनियों में गड़बड़ी का भंडाफोड़ कर चुकी है. पिछले कुछ सालों में हिंडनबर्ग ने निकोला, क्लोवर हेल्थ, ब्लॉक इंक, कैंडी और लॉर्डस्टाउन मोटर्स समेत कई जानी-मानी कंपनियों को निशाना बनाया है. फर्म की रिपोर्ट की वजह से अक्सर लक्षित कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है और नियामकों और निवेशकों की जांच बढ़ गई है.
