श्रीलंका के खिलाफ किसे मिलेगा विकेटकीपरिंग का मौका, ऋषभ पंत और केएल राहुल की रेस में जानें कौन है आगे ?

टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद एक बार फिर रोहित शर्मा की भारतीय टीम में एंट्री हो गई है. रोहित शर्मा इस समय भारत और श्रीलंका के बीच 2 अगस्त को होने वाले वन डे मैच की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि रोहित ने टी20 फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है लेकिन वनडे फॉर्मेट में वो खेलते रहेंगे और कप्तानी की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर ही है. वर्ल्ड कप जीतने के बाद अपनी पहली सीरीज खेलने उतर रहे कप्तान रोहित के सामने सीधे एक बड़ा फैसला लेने की चुनौती है. टीम इंडिया में रोहित के साथ ही विराट कोहली की भी वापसी हुई है. जबकि केएल राहुल और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज जो कि टी20 टीम से बाहर चल रहे थे वे भी लौट आए हैं. साथ में पहले से ही ओपनर के तौर पर शुभमन गिल टीम का हिस्सा बने हुए हैं. वहीं अब टीम में ऋषभ पंत की भी वापसी हुई है. जिसके बाद रोहित विकेटकीपर के रोल में किसे मौका देते हैं ये काफी अहम होने वाला है.

क्या इस सीरीज में मिलेगा ऋषभ पंत को चांस?

ऋषभ पंत दिसंबर 2022 में रोड एक्सीडेंट के कारण टीम से बाहर हो गए थे. वहीं इस हादसे से पहले ऋषभ पंत ने अपनी आखिरी 5 वनडे पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक जड़ा था. टी20 वर्ल्ड कप से वापसी करने वाले पंत ने कुछ छोटी लेकिन अहम पारियां खेली हैं. वहीं बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले पंत को बैटिंग प्रैक्टिस के लिहाज से भी इस सीरीज में मौका देना तर्कसंगत है.भारतीय कप्तान रोहित हमेशा से ही ऋषभ पंत को सपोर्ट करते आए हैं और उन्हें मौके देने से चूके भी नहीं हैं. तो क्या इस बार भी पंत को रोहित मौका देंगे?

केएल राहुल को मौका मिलना तय !

वहीं पहले वनडे में पंत को मौका मिलने की संभावना कम है और ये भूमिका केएल राहुल के पास जाना तय नजर आ रहा है. राहुल ने वनडे वर्ल्ड कप में विकेटकीपर के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था और इस दौरान वो मिडिल ऑर्डर में ही बैटिंग कर रहे थे. फाइनल को छोड़ दें तो उन्होंने अलग-अलग परिस्थितियों में आकर बेहतरीन बैटिंग की थी और साथ ही विकेटकीपिंग में भी कमाल कर दिखाया था. केएल राहुल ने वर्ल्ड कप की 10 पारियों में 75 की औसत से 452 रन बनाए थे और साथ ही 17 शिकार भी किए थे. अगर टीम इंडिया वर्ल्ड कप वाले ही बैटिंग ऑर्डर के साथ उतरती है तो इसकी संभावना ज्यादा है. जिसका मतलब साफ है कि पंत को अपने मौके के लिए इंतजार करना पड़ेगा.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra