ऑन डिमांड कार चोरी करने वालों को पुलिस ने दबोचा, इंटरनेशनल लेवल तक फैला हुआ था जाल, बरामद हुआ ये सबकुछ

क्या आपने ऑन डिमांड चोरी के बारे में सुना है. नहीं ना लेकिन नोएडा में एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां ऑन डिमांड चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है. दरअसल सेक्टर 24 कोतवाली, स्वाट व सीआरटी पुलिस टीम ने अन्तर्राज्यीय वाहन चोरी करने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्यों गिरफ्तार किया है. इन सभी बदमाशों को पुलिस ने सेक्टर 54 चौकी कट के पास से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों में वाहन खरीदने वाले बदमाश भी शामिल हैं.

आरोपियों के खिलाफ यूपी व एमपी के कई थानों में 98 मुकदमे दर्ज

पुलिस टीम ने गिरोह से दिल्ली व गौतमबुद्ध नगर से चोरी की इनोवा, एंडेवर लग्जरी समेत 17 कार बरामद की हैं. पांचों आरोपितों पर दिल्ली, यूपी व एमपी के कई थानों में 98 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने चोरों के लंबे समय से चोरी की वारदात करने और महज 100 वाहन चोरी करने का दावा किया है. डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि टीम ने गिरोह के सरगना देहली गेट मेरठ के आरिफ उर्फ डोरामोन, खलीलाबाद संतकबीरनगर के अब्बास उर्फ इकराम, छाता मथुरा के कप्तान उर्फ भूरा उर्फ भूट्टन, खिस्तयैजान मेरठ व रामपुरा कोटा राजस्थान के अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस पूछताछ में चोरों ने बताया कि सभी आरोपित शातिर चोर हैं और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में सक्रिय हैं. पकड़े गए आरोपी आरिफ पर 30, अब्बास पर 23, कप्तान पर 22, आसिफ पर 12, अब्दुल पर 11 मुकदमे दर्ज हैं.

चोरों को नहीं याद कितनी वारदातों को दे चुके अंजाम

इस गिरोह के सदस्य ऑन डिमांड चोरी कर वाहनों को देश के विभिन्न कोने में मनमाफिक रेट पर बेच देते थे. चेसिंस, इंजन व कार नंबर बदल देने के कारण बदमाश पुलिस की पकड़ में नहीं आते हैं. वाहन चोरी के लिए की प्रोग्रामिंग पेड की मदद से कार की ईसीएम को रिप्रोग्राम कर देते थे और महज पांच मिनट में कार चोरी कर लेते थे. फिर वाहनों से नंबर प्लेट हटाकर ग्रीन बेल्ट, पार्किंग में खड़ा कर देते हैं. बदमाश चोरी की कारों को फर्जी पेपर व नंबर प्लेट बदलकर पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, चेन्नई व नार्थ ईस्ट प्रदेशों में कारों के बेच दिया करते थे. आरोपित भी कक्कड़ गिरोह की तरह पुलिस से बचने के लिए व्हाट्सएप से जुड़कर काम करते व कार खराब होने की तकनीक अपनाकर वाहनों को बॉर्डर पार कराते हैं. वहीं डीसीपी क्राइम शिव मोहन अवस्थी ने बताया कि चोरों को खुद याद नहीं है कि उन्होंने कितने वाहनों की चोरी की वारदात की हैं. फिलहाल पुलिस इस मामले में चोरों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra