वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट 2024 पेश किया. वहीं संसद में पेश किए गए आम बजट को इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने भेदभावपूर्ण बजट करार दिया है. इस कड़ी में बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे इंडिया गठबंधन के नेता संसद में विरोध प्रदर्शन करेंगे. इंडिया गठबंधन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में राज्यों का हक मारा गया है और उनके साथ भेदभाव हुआ है. इसके अलावा इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के तमाम मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक का भी बहिष्कार कर सकते हैं.
राहुल गांधी ने इसे सरकार बचाने वाला बजट बताया
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस बजट को ‘सरकार बचाने वाला बजट’ बताया है. एक्स हैंडल पर रायबरेली से कांग्रेस सांसद ने लिखा कि यह साझेदारों को खुश करने वाला बजट है. साथ ही, उन्होंने दावा किया कि हालांकि पूंजीपतियों के एक वर्ग का पक्ष लिया गया, लेकिन बजट में आम लोगों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बजट में रोजगार के संबंध में घोषणा को ‘कांग्रेस घोषणापत्र की नकल’ बताया.
‘दूसरे राज्यों के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए’
सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार बचाने वाला बजट है. उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि सरकार ने बिहार और आंध्र के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की है. लेकिन सरकार को दूसरे राज्यों के बारे में भी सोचना चाहिए. विपक्षी दलों ने बजट में ‘मनरेगा’ या ‘100 दिन काम’ का जिक्र न होने पर भी सवाल उठाया है. तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि ऐसी कई चीजें हैं जिनका बजट में जिक्र नहीं है. यहां तक कि 100 दिन के कार्य प्रोजेक्ट का भी जिक्र नहीं किया गया. इस बजट में देश के सीमांत 40 प्रतिशत लोगों की आय बढ़ाने की कोई दिशा नहीं है.
क्या नीति आयोग की बैठक का होगा बहिष्कार?
केंद्रीय बजट से नाराज विपक्षी दलों के तमाम मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार कर सकते हैं. बता दें कि नीति आयोग की बैठक 27 जुलाई को होनी है. इंडिया गठबंधन की आज हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई जिसमें ज्यादातर दल नीति आयोग के बहिष्कार के पक्ष में हैं. हालांकि ममता बनर्जी इस बैठक के लिए 26 जुलाई को ही दिल्ली पहुंच रही हैं.
