सावन का महीना शुरू होते ही बाबा भोलेनाथ के भक्त पवित्र कांवड़ यात्रा की तैयारियों में जुट जाते हैं. इस दौरान शिव भक्त यानि की कांवड़िये अपने कंधों पर गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर नंगे पैर कई किलोमीटर का सफर तय करते हैं. इस यात्रा के दौरान कांवड़ियों को अनेक तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. जिसमें मौसम और कांवड़ियों की सेहत प्रमुख हैं. भीषण गर्मी के दौरान कांवड़ियों को कड़ी धूप में कई मील चलना पड़ता है. धूप का असर जहां कांवड़ियों की सेहत पर पड़ता है उसी के साथ ही तेज धूप में चलने के कारण कांवड़ियों के पैरों में छाले तक पड़ जाते हैं. मगर बाबा की भक्ति में डूबे कांवड़ियों के लिए ये काफी आम सी बात है.
क्यों हो जाते हैं पैरों में छाले?
आमतौर पर घर्षण के कारण पैरों में छाले होते हैं. छाला, फफोला या पुटिका तरल पदार्थ की एक छोटी थैली होती है. जो चोट, एलर्जी, रिएक्शन या इंफेक्शन के चलते चमड़ी के नीचे बनती है. कई बार गर्म चीजों के छूने से भी छाले होते हैं. आमतौर पर हल्की समस्या की तरह देखे जाने वाले पैरों में छाले कभी-कभी दर्दनाक होते हैं. छाले गोल या अंडाकार हो सकते हैं और साफ या खूनी तरल से भरे हो सकते हैं. छाले के आसपास की स्किन आमतौर पर लाल, गर्म और छूने पर मुलायम होती है.
कैसे कांवड़ यात्रा में पैरों को छालों से बचाएं?
कांवड़ यात्रा के दौरान हम कुछ सावधानियों को अपनाकर अपने पैरों को छाले से बचा सकते हैं. अगर आपके पैरों में पहले से गोखरू या दूसरी असामान्य गांठें हैं तो कांवड़ यात्रा से पहले पोडियाट्रिस्ट से मिलकर सलाह जरूर लें. कांवड़ यात्रा पर जाने के कुछ दिनों पहले से ही नंगे पैर पैदल चलने का अभ्यास शुरू कर दें. कांवड़ यात्रा के दौरान अलग-अलग तरह के रास्तों पर संभलकर चलें. अपने साथ गर्म पट्टी रखें और जरूरत महसूस होने पर उसे बांध लें. पैरों को मॉशचराइज रखने की कोशिश करें. इसके लिए पहले से ही तेल या क्रीम से पैरों की मालिश करें. यात्रा के दौरान अगर पैर भींग जाए तो रुककर उसे पोंछे और सूखने दें. रास्ते में तेज न चलें. समय-समय पर रुक कर सुस्ता लें यानी पैरों को जरूरी आराम दें. कांवड़ यात्रा के रास्ते में कई जगह बने शिविरों में रुकने पर गर्म पानी में नमक डालकर पैरों को कुछ डुबाकर सेंके. कांवड़ यात्रा के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी या जूस वगैरह पीते रहें.
पैरों में छाले का इलाज क्या है?
पैरों में होने वाले ज्यादातर छाले कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाते हैं. हालांकि, पैरों पर छाले फूटने की अधिक आशंका होती है, जिससे संक्रमण हो सकता है. बार-बार रगड़ या घर्षण से स्किन की ऊपरी परत नीचे की परतों से अलग हो जाती है. क्षतिग्रस्त स्किन के नीचे तरल पदार्थ जमा हो जाता है जो आगे की क्षति से बचाने और उसे ठीक होने देने के लिए एक गद्दी बन जाता है. इसलिए छाले देखकर घबराएं नहीं. उन्हें दोबारा न छेड़ें तो वह अपने आप ठीक हो जाता है.
पैरों के छाले जल्दी कैसे करें ठीक?
पैरों के छालों को ठीक करने के लिए जब तक जब तक छाला ठीक न हो जाए, तब तक फुटवियर पहनने से परहेज करें. छाले को किसी ढीली पट्टी, मोलस्किन या फुट पैड से ढकें. सीधे छाले पर चिपकने वाला पदार्थ न लगाएं. इससे नाजुक त्वचा फट सकती है. इसके बजाय, इसे बचाने के लिए मोलस्किन या पैड के केंद्र में छाले से थोड़ा बड़ा छेद बना लें. छाले को साफ, सूखा और ढक कर रखें. अगर छाला फूट जाए, तो छाले की उपरी परत को न हटाएं, ये निचली सतह की रक्षा करती है. छाले को फोड़े नहीं. वर्ना इसके जरिए बैक्टीरिया संक्रमण का कारण बन सकते हैं. कुछ छाले अपने आप फूट जाते हैं तो उन्हें पट्टी से ढक देना चाहिए. बड़े और दर्दनाक छाले से राहत के लिए रबिंग अल्कोहल के इस्तेमाल से एक छोटी सुई को कीटाणुरहित करें, फिर ध्यान से छाले के एक किनारे में छेद करें. इससे कुछ तरल पदार्थ निकल जाएगा और दबाव कम हो जाएगा. पैर के छाले को नम होने से बचाएं. उन्हें सूखा रखें. पैरों को ठंडा करने और दर्द से राहत पाने के लिए एलोवेरा जेल लगाएं. खूब पानी पिएं. क्योंकि छाले के कारण आपके शरीर की नमी कम हो सकती है और डिहाइड्रेशन हो सकता है. छाले के जोखिम को कम करने के लिए फुट एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल करें. घर्षण वाला छाला दो सप्ताह के बाद भी ठीक नहीं होता है या संक्रमण का कोई लक्षण दिखाई देता है, तो डॉक्टर से मिलें
