साढ़े साती हो जाएगी एक झटके में दूर, बस अगर सावन में करेंगे ये छोटा सा काम

22 जुलाई से देवों के देव महादेव का सावन का महीना शुरू होता है. कहते हैं अगर आप सावन के किसी भी सोमवार को बाबा का अभिषेक करते हैं तो भगवान शिव आपको उसका फल अवश्य देते हैं. साथ ही भगवान शिव का अभिषेक करने से हमारी कई परेशानियां भी दूर हो जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो शनिदेव को न्याय के देवता और मोक्ष प्रदाता भी कहा जाता है. फिलहाल शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं. शनिदेव इस राशि में 29 मार्च, 2025 तक रहेंगे. इस दिन शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे.ज्योतिषियों की मानें तो देवों के देव महादेव की पूजा करने से शनि की साढ़े साती का प्रभाव समाप्त हो जाता है. ऐसे में अगर आप भी साढ़े साती से पीड़ित हैं, तो सावन के सोमवार के दिन इन चीजों से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं.

शनिदेव के आराध्य हैं भगवान शिव 

कर्मफलदाता शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं. स्वयं शनिदेव भी महादेव की उपासना करते हैं. भगवान शिव के द्वारा दिए वरदान से ही शनिदेव को न्याय करने का अधिकार मिला था. इस प्रकार शिवजी की पूजा करने से शनिदेव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सावन सोमवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें. अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जप करें.

शनि की साढ़े साती से कैसे पाएं छुटकारा?

शनि की साढ़े साती से छुटकारा पाने के लिए सावन में रोजाना स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में बेलपत्र मिलाकर शिव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करें. इस समय शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें.पूजा के अंत में साढ़े साती से मुक्ति के लिए कामना करें. इसके अलावा अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सावन सोमवार के दिन गंगाजल में साबुत उड़द की दाल मिलाकर भगवान शिव का इससे अभिषेक करें. इस उपाय को करने से भी आपको साढ़े साती से छुटकारा मिल सकता है. वहीं अगर आप धन लाभ चाहते हैं या आर्थिक तंगी को दूर करना चाहते हैं, तो सावन के महीने में रोज गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक करें. इस उपाय को करने से धन संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. इसके अलावा सावन सोमवार पर भगवान शिव का शहद से अभिषेक करने से शनिदेव की कृपा व्यक्ति पर बरसती है और शनिदेव की कृपा से साढ़े साती का प्रभाव दूर हो जाता है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra