दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ धाम मंदिर को लेकर क्यों बरपा हंगामा, शंकराचार्य ने कौन से लगाए बड़े आरोप, सिर्फ एक क्लिक में जानें

उत्तराखंड में बने केदारनाथ धाम के बारे में तो सभी लोग जानते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि अब दिल्ली में भी केदारनाथ धाम की तर्ज पर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. फिलहाल अभी ये मंदिर बन कर तैयार नहीं हुआ है. मगर हाल ही में 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसका भूमिपूजन कर चुके हैं. ये मंदिर दिल्ली के बुराड़ी में 3 एकड़ में बनाया जाना है. वहीं इस मंदिर के बनने से पहले ही इस पर विवाद शुरू हो चुका है. साथ ही ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक ऐसा दावा पेश कर दिया है जिसने सभी को चौंका दिया है.

 

228 किलो सोना गायब होने का दावा

दरअसल ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तराखंड के केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच नहीं हो रही है. सोमवार को मुंबई में शंकराचार्य ने मीडिया से मुखातिब होते हुए दिल्ली के केदारनाथ मंदिर पर निशाना साधते हुए कहा कि “उत्तराखंड में घोटाला हो गया तो अब आप दिल्ली में नया केदारनाथ बना लोगे। वहां फिर नया घोटाला करोगे। 228 किलो सोना केदारनाथ से गायब कर दिया गया। ये कहां का नियम है। क्यों नहीं उठाता प्रेस यह मुद्दा?” इसके आगे शंकराचार्य ने कहा कि “आज तक कोई जांच नहीं बैठाई गई। सोने का घोटाला केदारनाथ में हुआ है, उसका कौन जिम्मेदार है, क्यों जांच नहीं हो रही। क्यों इस बारे में निर्णय नहीं होता और आप कह रहे हैं कि दिल्ली में केदारनाथ बना लेंगे। ऐसा नहीं हो सकता।”

 

बुराड़ी में मंदिर पंडित-पुरोहितों में गुस्सा

एक तरफ तो शंकराचार्य के दावे ने सभी को चौंका दिया है और ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इतनी बड़ी घटना पर सरकार अब तक चुप क्यों है और क्या वाकई में धाम से 228 किलो सोना गायब है. तो वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम ट्रस्ट मंदिर बुराड़ी में बनने वाले मंदिर के पूजन के बाद से इसका विरोध शुरू हो गया है. केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसे लेकर नाराजगी है. केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित-पुरोहितों में गुस्सा है. उनका कहना है कि केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है, साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि केदार हिमालय में हैं तो आप दिल्ली में कैसे बना सकते हैं. जब पता सबको मालूम है तो उसे क्यों बदलना चाहते हैं. लोगों को क्यों भ्रमित किया जा रहा है.

‘बाबा केदार का धाम दुनिया में और कहीं नहीं’

वहीं इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि बाबा केदार का धाम दुनिया में और कहीं नहीं बन सकता. उन्होंने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बाबा केदार के किसी भी नाम से कोई भी मंदिर बन जाए तो उससे धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता. वहीं इस पूरे विवाद पर श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी, दिल्ली के फाउंडर और अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने कहा, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बन रहा है , धाम नहीं. केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट इस मंदिर का निर्माण करवा रहा है. उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हम केदारनाथ धाम और वहां से जुड़े भक्तों की आस्था का सम्मान करते हैं. दिल्ली में बाबा केदार के भक्त सिर्फ उनका मंदिर बनवा रहे हैं, इसलिए विवाद करने से कोई फायदा नहीं है. देशभर में माता वैष्णो देवी, बांके बिहारी के कई मंदिर हैं, लेकिन इससे आस्था पर प्रभाव नहीं पड़ता. जिसको जहां जाना होता है वह जाते हैं. केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनने से श्रद्धालु केदारनाथ धाम भी जाएंगे और यह मंदिर बन रहा है ना कि केदारनाथ धाम.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra