नखरेबाज महिला IAS अफसर ने कराई मीडिया में किरकिरी, ऑडी में लगाई लाल-नीली बत्ती, मांगों को लेकर चर्चा में छाई, कौन हैं ये ?

भारत में ना जाने कितने छात्र IAS अधिकारी बनने के लिए मेहनत कर रहे हैं. वहीं कई ऐसे भी हैं जो इस पद पर अपनी कड़ी मेहनत से पहुंचते हैं और अपने उत्तरदायित्वों को निभाते हैं. साथ ही सरकारी आदेशों का पालन करते हैं. तो दूसरी तरफ एक ऐसी IAS अधिकारी भी हैं जिन्होंने सरकार की नाक में दम कर रखा है. जी हां महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने मानो जैसे सरकार से अपने नखरे उठवाने के लिए नौकरी ज्वाइन की है. इस समय खबरों की सुर्खियां बटोर रही पूजा खेडकर ने UPSC में 821वीं रैंक हासिल की थी. प्रोबेशन के दौरान पूजा पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा, जिसके बाद उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया.

ज्वाइनिंग के बाद से ही शुरू हो गए पूजा के नखरे

पूजा को लेकर विवाद तब खड़ा हुआ जब उन्होंने अपनी प्राइवेट ऑडी कार पर नीली बत्ती और लाल बत्ती लगवा ली. प्रोबेशन के दौरान ही इन्होंने अपनी ऑडी पर महाराष्ट्र सरकार भी लिखवा लिया. ज्वाइनिंग के बाद से ही पूजा अपने पद का दुरुपयोग करने लगीं और तरह-तरह की डिमांड करने लगीं जो एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी के लिए पॉसिबल नहीं है. प्रोबेशन के दौरान इस ट्रेनी अफसर के हजार नखरे थे. प्रोबेशन के दौरान ही उन्होंने वीआईपी नंबर, घर और गाड़ी की डिमांड कर दी, जो उन्हें नहीं मिली. इसके अलावा पूजा ने सेपरेट केबिन और अलग स्टाफ की मांग की थी. पूजा पुणे में अस्सिटेंट कलेक्टर के रूप में प्रोबेशन पर थीं. बताया जाता है कि इन्होंने प्रोबेशन में ही एडिशनल कलेक्टर का ऑफिस कब्जा कर लिया. प्रोबेशन के दौरान पूजा उन चीजों की डिमांड कर रही थीं, जो प्रोबेशन के दौरान उन्हें नहीं मिल सकती थी. इसके बाद पूजा का ट्रांसफर पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में कर दिया गया.

IAS पूजा खेडकर पर लगे ये आरोप

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने का आरोप है. इन पर आरोप है कि इन्होंने आरक्षण पाने के लिए फर्जी पिछड़ा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया था. सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए पूजा ने फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट जमा किए. दावा किया गया है कि खेडकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी. उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था. दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए उन्हें एम्स दिल्ली जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया.

17 करोड़ की संपत्ति की मालिक हैं पूजा 

संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 821वीं रैंक हासिल करने वाली पूजा खेडकर की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं. पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा में रहे हैं. उनके पिता तो पुणे में सहायक कलेक्टर भी रहे. चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है. इसके अलावा छह दुकानें,सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं. इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है. खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

Rishabh Chhabra
Author: Rishabh Chhabra